आश्विन मास 2025: पितृ पक्ष से नवरात्रि तक, जानें इस महीने के व्रत, त्योहार और शुभ-अशुभ काम!


Ashwin Month 2025: आश्विन महीना हिंदू कैलेंडर का सातवां महीना होता है. जो आमतौर पर सितंबर-अक्टूबर में आता है. धार्मिक दृष्टि से यह महीना बेहद खास माना गया है, क्योंकि इसमें देवी-देवताओं के साथ पितरों का आशीर्वाद पाने का विशेष अवसर भी मिलता है.

इस महीने में पितृ पक्ष, शारदीय नवरात्रि और दशहरा जैसे महत्वपूर्ण त्योहार पड़ते. श्री लक्ष्मीनारायण एस्ट्रो सॉल्यूशन अजमेर की निदेशिका ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि इस साल आश्विन महीना 8 सितंबर से शुरू हो रहा है और 7 अक्तूबर 2025 को समाप्त होगा.

हिंदू धर्म में आश्विन मास का विशेष महत्व है. धर्म शास्त्रों के अनुसार आश्विन मास का प्रत्येक दिन अपने आप में काफी विशेष होता है. 

नवरात्री की रहेगी धूम
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि आश्विन मास में जहां 15 दिन पितृ पक्ष चलता है, वहीं 9 दिन शारदीय नवरात्रि की भी धूम रहती है. इस माह में नवरात्रि, दशहरा जैसे कई पवित्र व्रत और त्योहार आते हैं. इन व्रत त्योहारों में भक्त श्रद्धापूर्वक ढंग से पूजा और अर्चना करते हैं.

इसके अलावा अपने पितरों की आत्मा की शांति और उनका आशीर्वाद पाने के लिए लोग कई तरह के उपाय इस माह में करते हैं. यह महीना मां दुर्गा को समर्पित है. इस महीने में देव पूजन भी किया जाता है. इस महीने से सूर्य देव धीरे-धीरे कमजोर होने लगते हैं.

आश्विन मास का महत्व
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि आश्विन मास में बहुत से विभिन्न त्योहार पड़ते हैं. इसकी शुरुआत श्राद्ध पक्ष से होती है. आश्विन महीने के कृष्णपक्ष की प्रतिपदा से अमावस्या तक पितृपक्ष के दौरान पितरों के निमित्त श्राद्ध और तर्पण किया जाता है.

इससे प्रसन्न होकर पितर हम पर अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं. इसके साथ ही शारदीय नवरात्रि और दशहरा जैसे पर्व आते हैं. 

आश्विन मास में दान करें 
ज्योतिषाचार्या नीतिका शर्मा ने बताया कि आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्र में कुंवारी कन्याओं को धन, वस्त्र, भोजन, फल, मिष्ठान आदि का दान देने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.  

पितृ पक्ष 
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि पितृ पक्ष 08 सितंबर से लेकर 21 सितंबर तक है. इस दौरान रोजाना पितरों का तर्पण और पिंडदान किया जाएगा. वहीं 21 सितंबर को सर्वपितृ तर्पण किया जाएगा. पितृ पक्ष के दौरान पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से साधक पर पूर्वजों की कृपा बरसती है. 

शारदीय नवरात्र 
इस साल 22 सितंबर से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो रही है. वहीं, 02 अक्टूबर को विजयादशमी है. आसान शब्दों में कहें तो 22 सितंबर से लेकर 01 अक्टूबर तक शारदीय नवरात्र है. इसके अगले दिन दशहरा मनाया जाएगा. शारदीय नवरात्र के दौरान जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा की जाती है.

आश्विन एकादशी
ज्योतिषाचार्या नीतिका शर्मा ने बताया कि आश्विन माह में इंदिरा और पापाकुंशा एकादशी मनाई जाती है. इस साल 17 सितंबर को इंदिरा एकादशी मनाई जाएगी. वहीं, 02 अक्टूबर को दशहरा और पापाकुंशा एकादशी है. इस शुभ अवसर पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाएगी. साथ ही लक्ष्मी नारायण जी के निमित्त व्रत रखा जाएगा.   

क्या करें
ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि आश्विन माह के दौरान किसी भी अन्य व्यक्ति के प्रति मन में बैर की भावना नहीं रखनी चाहिए और सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए. पूरे आश्विन मास के दौरान ध्यान रखना चाहिए कि आप कम से कम गुस्सा करें और मन को शांत रखें.

इस दौरान दान करना शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि जो व्यक्ति दान करता है, उसे पुण्य की प्राप्ति होती है. तिल और घी का दान करना चाहिए. आश्विन माह के दौरान घर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए. इस महीने में मां दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बहुत ही शुभ होता है. इससे घर में खुशहाली आती है और दुर्गा की कृपा घर पर बनी रहती है.

क्या न करें
टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा ने बताया कि आश्विन महीने में शारदीय नवरात्रि का त्योहार भी पड़ता है, इसलिए इस समय मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दौरान दूध का सेवन करने और करेला खाने से परहेज करना चाहिए.

लहसुन, प्याज, और सफेद तिल का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा, लौकी, मूली और सरसों का साग नहीं खाना चाहिए. काला नमक, सत्तू, जीरा और मसूर की दाल खाने से बचना चाहिए. पूरे आश्विन माह में किसी भी तरह के विवाद, झगड़ा, मनमुटाव या तनाव से बचना चाहिए. इन बातों का पालन करने से आश्विन माह का महत्व और पुण्य प्राप्त होता है.

  • 08 सितंबर 2025- पितृ पक्ष की प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध किया जाएगा
  • 10 सितंबर 2025- विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी
  • 11 सितंबर 2025 – महा भरणी और पंचमी तिथि का श्राद्ध 
  • 12 सितंबर 2025- मासिक कार्तिगाई
  • 14 सितंबर 2025 – जीवित्पुत्रिका व्रत और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी
  • 17 सितंबर 2025 – एकादशी श्राद्ध, इंदिरा एकादशी, कन्या संक्रांति और विश्वकर्मा पूजा
  • 19 सितंबर 2025- मासिक शिवरात्रि और शुक्र प्रदोष व्रत
  • 21 सितंबर 2025 – सर्वपितृ अमावस्या, दर्श अमावस्या और आश्विन अमावस्या
  • 22 सितंबर 2025- शारदीय नवरात्रि शुरू, घटस्थापना और महाराजा अग्रसेन जयन्ती
  • 25 सितंबर 2025 – विनायक चतुर्थी
  • 27 सितंबर 2025 – संकंद षष्ठी
  • 30 सितंबर 2025 – सरस्वती पूजा और मासिक दुर्गाष्टमी
  • 1 अक्टूबर 2025 दुर्गा महा नवमी पूजा
  • 2 अक्टूबर 2025 दुर्गा विसर्जन, दशहरा, शरद नवरात्रि पारणा
  • 3 अक्टूबर 2025 पापांकुशा एकादशी
  • 4 अक्टूबर 2025 प्रदोष व्रत (शुक्ल)
  • 7 अक्टूबर 2025 अश्विन पूर्णिमा व्रत

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. 



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