बाइक, स्कूटर या कार…पिछला टायर ही क्यों होता है पंचर? क्योंकि सारा बोझ है इसके कंधों पर! वजहें और भी हैं, जान लें


Why Does Rear Tire Of Vehicle Always Puncture: अक्सर जब आप साइकिल, मोटरसाइकिल या कार चलाते हैं, तो आपने जरूर नोटिस किया होगा कि पिछला चक्का ही बार-बार पंचर हो जाता है, जबकि अगला चक्का बहुत कम ही पंचर होता है. यह बात सिर्फ एक संयोग नहीं, बल्कि इसके पीछे ठोस तकनीकी और मशीन से जुड़ी वजहें हैं. लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्यों होता है?

इस वजह से होता है ऐसा
इसी सवाल का जवाब खोजने के लिए लोकल 18 की टीम ने एक खास व्यक्ति से बात की, जो पिछले 15 वर्षों से पंचर बनाने का काम कर रहे हैं. इनका नाम प्रिंस है और उन्होंने इस विषय पर कई जरूरी बातें साझा की. उन्होंने बताया कि गाड़ी का पिछला चक्का आमतौर पर भारी होता है और वही चक्का इंजन या चलाने की तकनीक से जुड़ा होता है, जैसे मोटरसाइकिल में चेन और कार में डिफरेंशियल के जरिए.

अगला चक्का जमीन पर कम पकड़ रखता है
प्रिंस ने बताया कि जब कोई गाड़ी चलती है, तो सबसे पहले अगला चक्का सड़क पर चलकर कील या नुकीली चीजों को दबाता है और थोड़ा इधर-उधर कर देता है. इसके बाद जब पिछला चक्का उसी जगह से गुजरता है, तो वह कील या नुकीली वस्तु सीधे उस चक्के में घुस जाती है, जिससे पंचर हो जाता है. इसके अलावा, गाड़ी का ज्यादा वजन और सवारी का बोझ भी पीछे के हिस्से में ही पड़ता है.

ज्यादा बोझ भी बड़ा कारण
मोटरसाइकिल में इंजन का वजन, सीट पर बैठा सवार और कई बार पीछे बैठा दूसरा व्यक्ति – ये सभी बोझ पीछे के चक्के पर पड़ता है. कार में भी यही स्थिति रहती है, जहां डिक्की, एक्स्ट्रा टायर और अन्य सामान आमतौर पर पीछे रखे जाते हैं. यही वजह है कि ज्यादा बोझ और रगड़ के चलते पिछला चक्का जल्दी पंचर हो जाता है.

तकनीकी वजहें भी जान लें
तकनीकी नजरिए से देखें तो पिछला चक्का न सिर्फ वजन सहता है, बल्कि वही गाड़ी को आगे बढ़ाने का काम भी करता है. यानी चलाने की ताकत वही टायर झेलता है, जिससे वह ज्यादा गर्म होता है और उसमें रगड़ भी ज़्यादा होती है. गर्मी और रगड़ के कारण टायर की सतह थोड़ी नरम हो जाती है, जिससे कील या कांच जैसी चीजें उसमें आसानी से घुस जाती हैं. वहीं, अगला चक्का सिर्फ गाड़ी को मोड़ने का काम करता है, उस पर बोझ भी कम होता है और इसलिए वह हल्का रहता है.

आगे केवल हल्की चीजों का वजन
यही वजह है कि स्टेयरिंग आसानी से घुमाया जा सकता है और अगला टायर पंचर कम होता है. प्रिंस ने बताया कि मोटरसाइकिल के आगे वाले हिस्से पर सिर्फ हेडलाइट, पेट्रोल टैंक और हैंडल का वजन होता है, जिनका बोझ बहुत कम होता है, जबकि पीछे के हिस्से पर बॉडी, सस्पेंशन, एग्जॉस्ट और अधिकतर बोझ पड़ता है. यही वजह है कि ज्यादातर पंचर की समस्या पिछले चक्के में ही देखने को मिलती है.



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