Sawan 2026 Start Date: अगले साल सावन कब है? 4 या 5 कितने पड़ेंगे सावन सोमवार


Sawan 2026 Start Date: देवों के देव महादेव समस्त जगत में कल्याण के देवता माने गए हैं. सावन में शिव पूजा का महत्व दोगुना हो जाता है. हिंदू कैलेंडर का पांचवां महीना होता है और आमतौर पर जुलाई या अगस्त में पड़ता है. मान्यता है कि सावन में शिव जी पृथ्वी पर वास करते हैं इस समय जो मात्र एक लौटा जल भी अगर शिव जी पर अर्पित करता है उसके कष्ट जल्द समाप्त हो जाते हैं.

किसी चीज की कमी नहीं रहती है. इस बार 9 अगस्त को सावन समाप्त हो रहा है लेकिन अगले साल 2026 में सावन कब शुरू होगा, अगली बार कितने सावन सोमवार आएंगे यहां जान लें.

2026 में सावन कब शुरू ?

अगले साल सावन 30 जुलाई 2026 से शुरू और 28 अगस्त तक रहेगा. इस वर्ष में करीब 28 दिन का दिन श्रावण मास होगा. सावन के हर सोमवार के अलावा इस माह में आने वाली त्रयोदशी (प्रदोष व्रत), चतुर्दशी तिथि (सावन शिवरात्रि), नाग पंचमी, सावन अमावस्या, सावन पूर्णिमा जलाभिषेक के लिए बहुत खास तिथियां मानी जाती है.

सावन सोमवार 2026 तिथियां ?

  • 30 जुलाई 2026 – सावन का पहला दिन
  • 03 अगस्त 2026 – पहला सावन सोमवार व्रत
  • 10 अगस्त 2026 – दूसरा सावन सोमवार व्रत
  • 17 अगस्त 2026 – तीसरा सावन सोमवार व्रत
  • 24 अगस्त 2026 – चौथा सावन सोमवार व्रत
  • 28 अगस्त 2026 – श्रावण मास का अंतिम दिन

सावन का महत्व

सावन मास फलदायक है तथा निष्काम भाव से किये गये कर्म के फलस्वरूप मोक्ष प्रदान करने वाला है. इस दौरान लाखों शिव भक्त देवभूमि उत्तराखंड में स्थित शिवनगरी हरिद्वार और गंगोत्री धाम की कांवड़ यात्रा करते हैं वे इन तीर्थ स्थलों से गंगा जल से भरी कांवड़ को अपने कंधों रखकर पैदल लाते हैं और फिर गंगा जल शिव को चढ़ाया जाता है. कहते हैं इससे जन्मों जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं.

सावन में क्या करना चाहिए

  • सावन में एक मास तक रुद्राभिषेक करना चाहिए.
  • श्रावण मास के दौरान आहार संतुलित रखना चाहिए, पत्तेदार सब्जियों का त्याग करना चाहिए.
  • ग्रहयज्ञ, कोटिहोम, लक्षहोम तथा अयुत होम करने पर सद्य फलता है और मनोवांछित फल प्राप्त होता है.
  • पूरे श्रावण मास में जमीन पर सोना और ब्रह्मचर्य का पालन करना.
  • सत्य बोलना चाहिए. पत्तल में भोजन करे. प्रातः काल स्नान ध्यान करें. इन्द्रियों को वश में रखना चाहिए.
  • शिव लिंग पर अभिषेक के साथ नियमित शिव पूजा, जिसमें गायत्री मन्त्र और शिव मूल मन्त्र अर्थात “ओम नमः शिवाय” का दैनिक पाठ शामिल है.

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Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. 



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