5 September 2025 Panchang (Shukra Pradosh Vrat Puja Muhurt0 शुक्र प्रदोष व्रत के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय, पंचांग से पाएं महत्वपूर्ण जानकारी


Panchang - India TV Hindi
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पंचाग 5 सितंबर

5 September 2025 Panchang: आज भाद्रपद शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि शुक्रवार का दिन है। त्रयोदशी तिथि आज देर रात 3 बजकर 14 मिनट तक रहेगी। आज दोपहर 1 बजकर 53 मिनट तक शोभन योग रहेगा। साथ ही आज रात 11 बजकर 39 मिनट तक श्रवण नक्षत्र रहेगा। इसके अलावा आज प्रदोष व्रत है। आइए आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में। 

5 सितंबर 2025 शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:52 मिनट से 05:38 मिनट तक
  • संध्या मुहूर्त-  सुबह 05:15 मिनट से 06:24 मिनट तक
  • अभिजीत मुहूर्त- दोपहर12:12 मिनट से 01:02 मिनट तक
  • प्रदोष काल की पूजा का शुभ मुहूर्त- शाम 06:50 मिनट से 07:59 मिनट तक

राहुकाल 5 सितंबर 2025

  • दिल्ली- सुबह 10:45 से दोपहर 12:20 तक
  • मुंबई- दोपहर पहले 11:04 से दोपहर 12:37 तक
  • चंडीगढ़- सुबह 10:46 से दोपहर 12:22 तक
  • लखनऊ- सुबह 10:31 से दोपहर 12:05 तक
  • भोपाल- सुबह 10:45 से दोपहर 12:19 तक
  • कोलकाता- सुबह 10:02 से दोपहर पहले 11:35 तक
  • अहमदाबाद- दोपहर पहले 11:04 से दोपहर 12:38 तक
  • चेन्नई- सुबह 10:35 से दोपहर 12:08 तक

सूर्योदय और चंद्रोदय

  • सूर्योदय- 06:24 ए एम
  • चंद्रोदय- 05:17 पी एम
  • सूर्यास्त- 06:50 पी एम
  • चंद्रास्त- 04:48 ए एम (6 सितंबर को)

प्रदोष काल की पूजा के लिए सबसे शुभ मूहूर्त और पूजा विधि

प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल के दौरान करना बेहद शुभ होता है। 5 सितंबर को प्रदोष काल शाम 06 बजकर 50 मिनट से शुरू होगा और 07 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। इस दिन पूजा कैसे करनी है आइए जानते हैं- 

प्रदोष काल के दिन आपको सुबह और शाम दोनों समय पूजा करनी चाहिए। हालांकि इस दिन पूजा के लिए शाम का वक्त यानि प्रदोष काल बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन स्नान-ध्यान के बाद आपको स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए। इसके बाद भगवान शिव का पूजन शुरू करना चाहिए। पूजन में भगवान शिव को फूल, अक्षत, जल, भांग-धतूरा, बेलपत्र आपको अर्पित करने चाहिए। संभव हो तो शिवलिंग का जलाभिषेक भी अवश्य करें। इसके बाद शिव चालीसा और शिव जी के मंत्रों का जप आपको करना चाहिए। पूजा के दौरान प्रदोष व्रत की कथा कथा का पाठ भी अवश्य करें। पूजा के अंत में भगवान शिव की आरती का पाठ करना चाहिए और प्रसाद का वितरण करना चाहिए। 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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