कल की आई चाइनीज कंपनी ने BMW को छोड़ दिया पीछे, क्यों इसकी गाड़ियों के दीवाने हुए जा रहे लोग

पहले सेरिस को डीएफएसके मोटर के नाम से जाना जाता था. 2021 में सेरिस ने हुवावे टेक्नोलॉजीज के साथ हाथ मिलाया और Aito ब्रांड लॉन्च किया. यह एक प्रीमियम इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड SUV है. लोगों को यह खूब पसंद आई. बस फिर क्या था, सेरिस की किस्मत पलट गई. तीन सालों में कंपनी की बिक्री तीन गुना बढ़कर 2024 में 4.27 लाख यूनिट्स पर पहुंच गई और कंपनी के शेयर 120% उछल गए.
M9 SUV मॉडल बना गेमचेंजर
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, Aito का M9 मॉडल गेम चेंजर साबित हुआ. दिसंबर 2023 में लॉन्च हुई यह SUV इतनी तेजी से छाई कि 2024 में 500,000 युआन (₹58 लाख) से ऊपर की कैटेगरी में सबसे ज्यादा बिकने वाली कार बन गई. इसकी खासियतें भी किसी स्मार्टफोन से कम नहीं है. इसमें Huawei का HarmonyOS, तीन स्क्रीन वाला डैशबोर्ड, डुअल-ज़ोन रेफ्रिजरेटर, और शानदार एम्बिएंट लाइटिंग लगी है. शंघाई बेस्ड थिंकरकार के आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में इस मॉडल की 1.51 लाख यूनिट्स की डिलीवरी हुई और वो भी एक साल से कम समय में.
लग्जरी का मतलब सिर्फ जर्मन नहीं होता
EV की दुनिया में जर्मन कंपनियों की नींव हिलाई
अब तक माना जाता था कि लग्जरी सेगमेंट में बीएमडब्ल्यू और मर्सीडीज जैसी कंपनियों की पकड़ मजबूत है और EV निर्माता सिर्फ मिड-सेगमेंट तक ही सीमित रहेंगे. लेकिन Aito ने यह मिथक तोड़ दिया. अब चाइनीज उपभोक्ता भी टेक्नोलॉजी और कम्फर्ट को ब्रांड नाम से ऊपर रख रहे हैं. Huawei और Xiaomi जैसे स्मार्टफोन ब्रांड्स ने जब EV में एंट्री की तो लोग हंसे थे. आज Huawei की Aito दौड़ रही है और Xiaomi की SU7 सेडान को भी बाजार में जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है.
चुनौती भी कम नहीं
सेरिस की Huawei के साथ पार्टनरशिप जहां उसकी ताकत है, वहीं अब यही साझेदारी चुनौती भी बनती जा रही है. Huawei अब चेरी और बीएआईसी (Stelato) जैसे अन्य ब्रांड्स के साथ भी ईवी बना रहा है. इससे Seres को ‘ब्रांड पहचान’ और ‘मार्केट शेयर’ के लिहाज से खतरा है.
Discover more from News Hub
Subscribe to get the latest posts sent to your email.