Parivartini Ekadashi 2025: परिवर्तिनी एकादशी व्रत का पूरा फल पाना है, तो प्रेमानंद महाराज की ये 6 बातें याद रखें

Parivartini Ekadashi 2025: 3 सितंबर को परिवर्तिनी एकादशी है. परिवर्तिनी एकादशी पर भगवान विष्णु नींद में करवट बदलते हैं आप भी अगर अपनी किस्मत पलटना चाहते हैं तो प्रेमानंद जी महाराज ने एकादशी व्रत का पूरा लाभ पाने से व्यक्ति को कुछ नियम बताए हैं इनका पालन करने वालों को लक्ष्मी नारायण की कृपा प्राप्त होती है. आइए जानते हैं परिवर्तिनी एकादशी पर
- प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार जो लोग एकादशी व्रत करते हैं उन्हें दशमी, एकादशी और द्वादशी तीन तक संयम, धैर्य, तन-मन से शुद्धता रखना चाहिए. 3 दिन नियमों का पालन करने के बाद इस व्रत का पूर्ण रूप से फल मिलता है.
- एकादशी व्रत से एक दिन पहले दशमी तिथि पर पुराना बासी भोजन न करें, न ही गरिष्ठ भोजन करना चाहिए, हल्का भोजन करें. साथ ही जो तामसिक चीजें रसोई में रखी हो उन्हें तुरंत बाहर कर दें.
- जिस दिन एकादशी व्रत रखना हो उसे दशमी तिथि से द्वादशी तिथि तक कांसे के पात्र का त्याग करना चाहिए, इसमें भोजन न करें.
- प्रेमानंद महाराज के अनुसार ज एकादशी व्रत में सिर्फ तन ही नहीं मन की स्वच्छता भी जरुरी है, इसलिए किसी की निंदा, चुगली न करें, वाणी से मन से शरीर से किसी को दुख न पहुंचाए. ज्यादा से ज्यादा से मौन रहकर ईश्वर की साधना करें.
- प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं आज के दौर में लोग व्रत वाले दिन प्रभु की भक्ति कम समय बिताने के लिए मोबाइल का ज्यादा इस्तेमला करते हैं. व्रत पूरी निष्ठा से करने पर ही फल मिलता है, व्रत का अर्थ सिर्फ खाना-पीने का त्याग नहीं बल्कि ईश्वर के प्रति मन को एकाग्र करना है. हरि कृपा तभी मिलती है.
- ऐसे में पूरी रात जागकर कीर्तन करें, निद्रा का त्याग करें, द्वादशी में भी एक बार ही भोजन करना चाहिए. द्वादशी के दिन भी मसूर की दाल का सेवन न करें.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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