Shiv Mandir: शिव के 5 रहस्यमयी मंदिर, कांचीपुरम से चिदंबरम तक, जानें 5 चमत्कारी मंदिरों के बारे में


चिदंबरम का नटराज मंदिर जिसका शिविलंग आकाश के सामान है. मुख्य मंदिर खाली है. निराकार ब्रह्मांडीय अंतरिक्ष के रूप में शिव का प्रतिनिधित्व करता है. एक सुनहरा चिदंबर रहस्य पर्दा इसे शून्य को छुपाता है. केवल ज्ञान ही रहस्य को समझ सकते हैं.

चिदंबरम का नटराज मंदिर जिसका शिविलंग आकाश के सामान है. मुख्य मंदिर खाली है. निराकार ब्रह्मांडीय अंतरिक्ष के रूप में शिव का प्रतिनिधित्व करता है. एक सुनहरा चिदंबर रहस्य पर्दा इसे शून्य को छुपाता है. केवल ज्ञान ही रहस्य को समझ सकते हैं.

तिरुवन्नामलाई का अरुणाचलेश्वर मंदिर जहां का शिवलिंग अग्नि के सामान है. कार्तिगई दीपत उत्सव के दौरान अरुणाचला पहाड़ी के ऊपर एक विशाल अग्नि दीप जलाया जाता है, जो मीलों तक दृश्यमान होता है. विशाल अग्नि दीप की लौ और रोशनी शिव के उग्र रूप का प्रतीक है.

तिरुवन्नामलाई का अरुणाचलेश्वर मंदिर जहां का शिवलिंग अग्नि के सामान है. कार्तिगई दीपत उत्सव के दौरान अरुणाचला पहाड़ी के ऊपर एक विशाल अग्नि दीप जलाया जाता है, जो मीलों तक दृश्यमान होता है. विशाल अग्नि दीप की लौ और रोशनी शिव के उग्र रूप का प्रतीक है.

तिरुवनैकवल स्थित जम्बूकेश्वर मंदिर जहां का शिवलिंग आंशिक रूप से एक भूमिगत जलधारा से बहते पानी में डूबा हुआ है. यहां तक कि भीषण गर्मी में भी, गर्भगृह का पानी सूखता नहीं है. माना जाता है कि देवी पार्वती ने यहां पानी से बनी साड़ी पहनकर तपस्या की थी.

तिरुवनैकवल स्थित जम्बूकेश्वर मंदिर जहां का शिवलिंग आंशिक रूप से एक भूमिगत जलधारा से बहते पानी में डूबा हुआ है. यहां तक कि भीषण गर्मी में भी, गर्भगृह का पानी सूखता नहीं है. माना जाता है कि देवी पार्वती ने यहां पानी से बनी साड़ी पहनकर तपस्या की थी.

श्री कालहस्तीश्वर मंदिर शिवजी का रहस्यमयी और चमत्कारी मंदिरों में से एक है. श्रीकालहस्ती वायु शिवलिंग जहां गर्भगृह के अंदर हवा का प्रवाह न होने के बावजूद मंदिर के दीपक की लौ जलती रहती है. इस मंदिर में राहु-केतु दोष निवारण के लिए विशेष पूजा की जाती है.

श्री कालहस्तीश्वर मंदिर शिवजी का रहस्यमयी और चमत्कारी मंदिरों में से एक है. श्रीकालहस्ती वायु शिवलिंग जहां गर्भगृह के अंदर हवा का प्रवाह न होने के बावजूद मंदिर के दीपक की लौ जलती रहती है. इस मंदिर में राहु-केतु दोष निवारण के लिए विशेष पूजा की जाती है.

तमिलनाडु कांचीपुरम स्थित एकंबरेश्वर मंदिर, जहां शिवलिंग को खुद पार्वती जी ने रेत से बनाया है. मंदिर के अंदर एक 3500 साल पुराना आम का पेड़ भी है, जिसपर चार वेदों के प्रतीक के रूप में चार अलग-अलग तरह के आम लगते हैं. मंदिर में मौजूद शिवलिंग पृथ्वी का प्रतीक है.

तमिलनाडु कांचीपुरम स्थित एकंबरेश्वर मंदिर, जहां शिवलिंग को खुद पार्वती जी ने रेत से बनाया है. मंदिर के अंदर एक 3500 साल पुराना आम का पेड़ भी है, जिसपर चार वेदों के प्रतीक के रूप में चार अलग-अलग तरह के आम लगते हैं. मंदिर में मौजूद शिवलिंग पृथ्वी का प्रतीक है.

Published at : 29 Aug 2025 07:00 AM (IST)


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