गोलियथ को दाऊद ने कैसे हराया? बाइबिल की कहानी से प्रेरणादायक सबक, साहस और विश्वास की जीत


The Story of Goliath: गोलियथ की कहानी बाइबिल की एक फेमस कहानी है जो एक युवा चरवाहे दाऊद और एक विशाल पलिश्ती योद्धा गोलियथ के बीच के युद्ध का वर्णन करती है. इस्लाम में, गोलियथ को अरबी में जालतू कहा जाता है और यह दाउद की कहानी में वर्णित एक शक्तिशाली फिलिस्तीनी योद्धा है, जिसे पैगंबर दाउद ने हराया था.

यह घटना कुरान में सूरा अल-बकराह (अध्याय 2) में मिलती है.  दाऊद ने गोलियथ को एक गोफन से पत्थर मारकर हरा दिया. जहां दाऊद की विजय ईश्वर में विश्वास और सब्र का प्रतीक है. 

गोलियथ की कहानी
गोलियथ, पलिश्ती सेना का एक विशालकाय योद्धा, इस्राएली सेना को चुनौती देता है कि वह एक योद्धा चुने जो उसका सामना करे. वह हर दिन सेना को ललकारता है, और सभी उससे भयभीत हो जाते हैं. 

दाऊद का आगे आना
दाऊद, एक युवा चरवाहा, सेना में अपने भाइयों से मिलने आता है. वह गोलियथ के उपहास को सुनकर गुस्सा होता है और उस दानव से लड़ने का निश्चय करता है.

हथियारों से  इनकार
राजा शाऊल दाऊद को लड़ने की अनुमति देते हैं, लेकिन दाऊद ने राजा के जरिए दिए गए भारी सुरक्षा कवच और हथियार लेने से इनकार कर दिया.

पत्थर से विजय
दाऊद सिर्फ एक गुलेल और पांच चिकने पत्थरों के साथ गोलियथ के सामने खड़ा होता है. वह अपने गोफन से एक पत्थर फेंकता है जो सीधे गोलियथ के माथे पर लगता है, जिससे वह गिरकर मर जाता है. 

पलिश्तियों का भागना
पलिश्ती जब अपने योद्धा को मरा हुआ देखते हैं, तो वे डरकर भाग जाते हैं, और इस्राएली उनकी पीछा करते हैं. 

दाऊद का नायक बनना
इस घटना से दाऊद पूरे इस्राएल में एक नायक बन गया और उसे राजा भी बनाया जाता है. 

दाऊद ने कितने दिनों तक इजराइल पर शासन किया?
बाइबिल के अनुसार, राजा दाऊद ने 1010 ईसा पूर्व से 970 ईसा पूर्व तक, यानी कुल 40 वर्षों तक इस्राएल पर शासन किया. कुरान के अनुसार, पैगंबर दाऊद ने 40 वर्षों तक फिलिस्तीन पर शासन किया, जिसमें से 7 वर्ष हेब्रोन में और 33 वर्ष कहीं और बिताए.

इस्लाम में दाऊद (पैगंबर दाऊद)

धार्मिक व्यक्तित्व
दाऊद को इस्लाम में एक महत्वपूर्ण नबी और दूत माना जाता है, जिन्हें ईश्वर ने इस्राएल का मार्गदर्शन करने के लिए भेजा था. 

कुरान में उल्लेख
कुरान में दाऊद का उल्लेख दावद (Dāwūd) के रूप में किया गया है. उन्हें आसमानी कितना ज़बूर भी  दिया गया था.

इस गोलियथ की कहानी से क्या सीख मिलती है?

बुद्धि की जीत
यह कहानी दिखाती है कि शारीरिक शक्ति के बजाय बुद्धि और कौशल से भी बड़ी चुनौतियों को पार किया जा सकता है. 

ईश्वर में विश्वास
दाऊद ने ईश्वर में विश्वास के बल पर ही गोलियथ को हराया. यह कहानी ईश्वर की सहायता और शक्ति का भी प्रतीक है. 

हिम्मत और साहस
दाऊद ने बहादुरी से एक असंभव स्थिति का सामना किया, जो आज भी हमें बड़ी मुश्किलों में हिम्मत न हारने की प्रेरणा देती है. 

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.



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