Pitru Dosh: क्या आपके जीवन में भी आ रही हैं बाधाएं? जानें पितरों की नाराजगी के संकेत और मुक्ति के उपाय!


Pitru Dosh Lakshan: लोगों के जीवन में कभी-कभी कुछ ऐसी घटनाएं घट जाती हैं, जिन्हें वे समझ नहीं पाते. जैसे कार्य में रुकावट, किसी हादसा का घटना, धन संबंधित समस्या या फिर संतान से जुड़ी दिक्कतें आना. इन सब चीजों का होना पितरों की नाराजगी की तरफ इशारा करता है.

हिंदू शास्त्र के मुताबिक अगर पितर नाराज हो तो पितृपक्ष में उनकी पूजा-आराधना  करने से उनका क्रोध शांत किया जा सकता है. इस बार पितृपक्ष 07 सितंबर से 21 सितंबर तक हैं. यह समय जीवन में आ रहे कष्टों का निवार्ण करने के लिए शुभ रहेगा. चलिए जानते हैं कि इससे मुक्ति पाने के लिए क्या उपाय है? 

पितृदोष होने का संकेत 

संतान संबंधित समस्या आना
कई लोगों के कोशिश करने पर भी वे परिवार आगे नहीं बढ़ा पाते. संतान न होना या वंश का आगे न बढ़ पाना यह पितृदोष की तरफ इशारा करता है. 

घर में अचानक पीपल का पौधा उग जाना
घर की छत या टूटे-फूटे गमलों में अगर अचानक पीपल का पौधा उग जाता है, तो इसे अशुभ माना जाता है. इससे घर में नकारात्मकता फैलती है और पितर नाराज होते हैं. 

घर में बार-बार दुर्घटनाओं का घटना 
कई बार घरों में छोटी-मोटी घटनाएं घटती रहती हैं, मगर यह घटनाएं लगातार बढ़ने लग जाए तो यह पितृदोष का संकेत होता है.

करियर और व्यवसाय में रुकावटें
जब बार-बार मेहनत करने के बावजूद सफलता हाथ न लगे, प्रमोशन अटक जाए या कार्यक्षेत्र में अचानक अड़चनें आने लगें, तो यह पितृदोष की तरफ इशारा करता है. 

शुभ कार्यों में अड़चन
यदि घर में किसी शुभ कार्य या मांगलिक अवसरों पर अचानक समस्याएं उत्पन्न हो जाएं या काम पूरा न हो पाएं, तो इसे भी पितृदोष का लक्षण माना जाता है.

पितरों को प्रसन्न करने के उपाय

तर्पण और पिंडदान
पितृपक्ष में तर्पण और पिंडदान करना बेहद आवश्यक माना गया है. यह अनुष्ठान पूर्वजों की आत्मा को शांति देता है और उनके आशीर्वाद से जीवन में शांति रहती है.

अन्न-जल का अर्पण
पितरों के नाम से थोड़ा भोजन और जल अलग निकालकर अर्पित करें. यह उनके क्रोध को दूर करने का सरल और प्रभावी तरीका है.

पूर्वजों की तस्वीर का आदर
अपने घर में लगी पितरों की तस्वीरों को रोज साफ करें और उन पर ताजे फूल या माला अर्पित करें. इससे घर का वातावरण पवित्र होता है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है.

दीप प्रज्वलन
दक्षिण दिशा में पूर्वजों के नाम से दीपक जलाना शुभ माना जाता है. यह उनके प्रति श्रद्धा का प्रतीक है और इससे उनकी कृपा भी प्राप्त होती है.

पूजा और हवन में करें शामिल 
जब भी घर में कोई धार्मिक अनुष्ठान या हवन करें, उसमें देवताओं के साथ पितरों को भी स्मरण करें. यह पितृदोष को शांत करने का उत्तम उपाय है.

दान-पुण्य का महत्व
जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन दान करना पितरों को प्रसन्न करता है. शास्त्रों के अनुसार, दान-पुण्य न केवल पूर्वजों की आत्मा को तृप्त करता है बल्कि परिवार में सुख-शांति और समृद्धि भी लाता है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.



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