Bhoot on Trees: पीपल, बरगद और इमली पेड़ के पास रात में क्यों नहीं जाते, क्या होता है भूतों का वास

बात करें पेड़-पौधों की तो हिंदू संस्कृति और परंपरा में पेड़-पौधों का स्थान देवी-देवता तुल्य होता है. कई पेड़-पौधों को पूजनीय स्थान प्राप्त है. खासकर पीपल और बरगद जैसे वृक्षों की पूजा की सदियों से की जा रही है. इन वृक्षों को देवताओं का वास स्थान माना जाता है. लेकिन कुछ लोक मान्यताओं में इन वृक्षों पर भूत प्रेतों का वास माना जाता है, जिस पर आज भी लोग विश्वास करते हैं.
पीपल, बरगद, इमली जैसे कई पेड़ हैं जिन्हें लेकर ऐसी मान्यता है कि इन पेड़ों पर भूतों या अलौकिक शक्तियों का निवास स्थान होता है. इसलिए खासकर रात के समय इन वृक्षों के पास जाने की मनाही होती है. आइए जानते हैं ये लोक मान्यताएं केवल मिथक है या वास्तविक.
पीपल- पीपल को वृक्षों का राजा कहा जाता है. मान्यता है कि इसमें ब्रह्मा, विष्णु, महेश यानी त्रिदेवों का वास होता है. इसलिए इसकी पूजा और परिक्रमा करने का महत्व है. साथ ही पीपल वृक्ष के कई स्वास्थ्य संबंधी लाभ भी होते हैं. इसे बौद्धि वृक्ष भी कहा गया है. लेकिन एक मान्यता यह भी है कि इस वृक्ष में भूत भी रहते हैं. इसका कारण यह है कि, हिंदू धर्म में पीपल वृक्ष में त्रिदेवों के साथ ही पितरों का वास भी माना जाता है. इसलिए रात के समय पीपल वृक्ष के पास नहीं जाना चाहिए.
बरगद- वट या बरगद भी हिंदू धर्म के पवित्र वृक्षों में एक है. इस वृक्ष को लेकर प्रचलित मान्यता है कि, रात के समय इस वृक्ष के समीप नहीं जाना चाहिए, क्योंकि इसमें भूत-प्रेत का आश्रय होता है. हालांकि यह मान्यता कितनी सत्य है, यह कहना मुश्किल है. इस मान्यता के पीछे का कारण यह हो सकता है कि, बरगद का वृक्ष सामान्यत: एकांत और निर्जन क्षेत्रों में पाया जाता है, जहां रात में जाना सुरक्षित नहीं होता. इसलिए इसे अलौकिक शक्तियों से जोड़ा जाता हो.
इमली- इमली वृक्ष में भूत-प्रेत होने का दावा घर के बड़े-बुजुर्ग भी करते हैं. बुजुर्गों के मुताबिक, इमली पेड़ में भूतों का वास होता है, इसलिए इसे घर या घर के आंगन में नहीं लगाना चाहिए. वास्तु शास्त्र के मुताबिक भी, घर पर इमली का वृक्ष होने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है.
कपास- कपास के पेड़ से रुई प्राप्त होती है. मान्यता है कि जब ये वृक्ष अधिक पुराना हो जाता है तो इसमें भूत-प्रेम और आत्माओं का कब्जा हो जाता है. इसलिए रात के समय इस वृक्ष के पास भी अधिक देर तक अकेले नहीं रुकना चाहिए.
पेड़ों पर भूत-प्रेत होना मिथ्य या वास्तविकता
पेड़-पौधों में भूतों के वास होने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिलता है. हो सकता है कि, सुरक्षा कारणों से या रात में सावधानी बरतने और अंधेरे, सुनसान इलाकों में बैठने से बचने के लिए ऐसी मान्यताएं प्रचलित हुई हों.
रात के समय पेड़-पौधों के पास न जाने की सलाह इसलिए भी दी जाती है, क्योंकि वृक्ष रात के समय कार्बन डाइऑक्साइ (CO₂) छोड़ते हैं. पीपल, बरगत और इमली जैसे घने और विशाल वृक्ष रात के समय में अधिक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित करते है. ऐसे में रातके समय इन वृक्षों के करीब रहने से सांस लेने में दिक्कत या घबराहत का अनुभव होता है, जिसे प्राचीन समय में भूत-प्रेत का प्रभाव मान लिया गया हो.
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