Ganesh Chaturthi 2025 Ganesh Ji Ki Aarti (गणेश जी की आरती) Lyrics Pdf Download Live Update: Jai Ganesh Deva Aarti Likhit Mein, Ganpati Bappa Ki Aarti, sukhkarta dukhharta lyrics


गणेश जी की आरती
Ganesh Ji Ki Aarti Pdf Download, Jai Ganesh Jai Ganesh Deva (गणेश जी की आरती) Live: आज यानी 27 अगस्त 2025 को देशभर में गणेश चतुर्थी का पावन पर्व मनाया जा रहा है। इस शुभ अवसर पर लोग बप्पा की प्रतिमा को घर में लाते हैं और उसकी विधि-विधान पूजा करते हैं। कहते हैं गणेश चतुर्थी के दौरान गणपति जी की अराधना करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। बता दें आज गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त 11:05 ए एम से 01:40 पी एम तक रहेगा। इस मुहूर्त में भगवान की विधिवत पूजा करने के बाद परिवार सहित उनकी आरती जरूर उतारें। यहां आप देखेंगे गणेश चतुर्थी आरती के लिरिक्स।
गणेश जी की आरती (Ganesh Ji Ki Aarti)
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
Ganesh Ji Ki Aarti Pdf Download
गणेश जी की आरती के लिरिक्स
गणेश जी की आरती सुखकर्ता दुखहर्ता (sukhkarta dukhharta lyrics)
सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची
कंठी झलके माल मुकताफळांची
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना
दास रामाचा वाट पाहे सदना
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को
दोन्दिल लाल बिराजे सूत गौरिहर को
हाथ लिए गुड लड्डू साई सुरवर को
महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पद को
जय जय जय जय जय
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता
जय देव जय देव
Discover more from News Hub
Subscribe to get the latest posts sent to your email.