Sawan Putrada Ekadashi 2025: घर में गूंजेंगी बच्चे की किलकारी! सावन पुत्रदा एकादशी की पूजा में जरुर पढ़ें ये कथा


Sawan Putrada Ekadashi Katha: सावन पुत्रदा एकादशी 5 अगस्त 2025 को है. इस दिन कैलाशपति शिव जी की आराधना के अलावा जगत के पालनहार विष्णु जी की पूजा का विशेष महत्व है.

मान्यता है कि जिन निसंतान दंपत्ति के जीवन में संतान का सुख नहीं है उन्हें ये एकादशी जरुर करना चाहिए, इसके फल से संतान जन्म लेती है, साथ ही उसका भविष्य उज्जवल रहता है, जिस तरह राजा महाजित को संतान का सुख मिलता था. आइए जानते हैं सावन पुत्रदा एकादशी की कथा.

सावन पुत्रदा एकादशी कथा

द्वापर युग के आरम्भ में महिष्मती नाम की एक नगरी थी. उस नगरी में महाजित नाम का एक राजा तमाम सुखों से लबरेज था लेकिन वह पुत्रहीन था, इसीलिये वह सदा दुखी रहता था. क्योंकि पुत्र के बिना मनुष्य को इहलोक एवं परलोक दोनों में सुख नहीं मिलता है.

राजा ने पुत्र प्राप्ति के अनेक उपाय किये, किन्तु उसका प्रत्येक उपाय निष्फल रहा. राजा के इस कष्ट के निवारण के लिये मन्त्री आदि वन को गये, वहां उन्होंने श्रेष्ठ ऋषि-मुनियों के दर्शन किए. वहां उपस्थित महर्षि लोमश से उन्होंने प्रार्थना की – हे ऋषिवर! हमारे राजा महाजित को अभी तक उनके पुत्रहीन होने का कारण ज्ञात नहीं हुआ है, इसीलिये हम आपके पास आये हैं. आप हमें बताने की कृपा करें कि किस विधान से हमारे महाराज पुत्रवान हो सकते हैं.

ऐसी करुण प्रार्थना सुनकर लोमश ऋषि नेत्र बन्द करके राजा के पूर्व जन्मों पर विचार करने लगे. कुछ पलों के उपरान्त उन्होंने विचार करके कहा – “हे भद्रजनो! यह राजा पूर्व जन्म में अत्यन्त उद्दण्ड था तथा पाप कर्म किया करता था. एक बार सरोवर के पास ब्यायी हुयी एक गाय जल पी रही थी. राजा ने उसको प्यासी ही भगा दिया तथा स्वयं जल का पान करने लगा. यही वजह है कि राजा आज कष्ट भोग रहा है.

मंत्री ने इस समस्या का उपाय जाना, तब लोमेष ऋषि ने कहा तुम सभी श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पुत्रदा एकादशी का व्रत एवं रात्रि जागरण करो तथा उस व्रत का फल राजा के निमित्त कर दो, तो तुम्हारे राजा के यहां. पुत्र उत्पन्न होगा. व्रत के फलस्वरूप राजा के सभी कष्टों का नाश हो जायेगा.”

लोमश ऋषि की आज्ञानुसार पुत्रदा एकादशी का विधानपूर्वक उपवास किया तथा द्वादशी को उसका फल राजा को दे दिया. इस पुण्य के प्रभाव से रानी ने गर्भ धारण और एक तेजस्वी पुत्र को जन्म दिया.

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