Famous Ganesha Temples in India: भारत के 11 चमत्कारी गणेश मंदिर, सिद्धिविनायक से मनकुला विनयगर तक की दिव्य कथाएं


पुडुचेरी का मनकुला विनयगर मंदिर गणेश जी का 300 साल से भी ज्यादा पुराना मंदिर है, जो बंगाल की खाड़ी के पास स्थित है. मनकुला नाम का मतलब रेत का तालाब है. यह मंदिर अपनी स्वर्ण रथ यात्रा और हाथियों के आशीर्वाद के लिए काफी प्रसिद्ध माना जाता है. इस मंदिर में विराजमान गणपति जी को वरसिद्धि विनायक के नाम से जाना जाता है.

पुडुचेरी का मनकुला विनयगर मंदिर गणेश जी का 300 साल से भी ज्यादा पुराना मंदिर है, जो बंगाल की खाड़ी के पास स्थित है. मनकुला नाम का मतलब रेत का तालाब है. यह मंदिर अपनी स्वर्ण रथ यात्रा और हाथियों के आशीर्वाद के लिए काफी प्रसिद्ध माना जाता है. इस मंदिर में विराजमान गणपति जी को वरसिद्धि विनायक के नाम से जाना जाता है.

केरल कासरगोड स्थित मधुर महागणपति मंदिर मधु वाहिनी नदी के तट पर बना हुआ है. जो अपने त्रिस्तरीय गोपुरम और अनोखी गणपति प्रतिमा के लिए काफी चर्चित है. पौराणिक कथाओं के मुताबिक इस मंदिर में टीपू सुल्तान ने एक बार आक्रमण किया था, लेकिन दैवीय हस्तक्षेप के बाद उसे छोड़ दिया. गणेश चतुर्थी के मौके पर मंदिर की भव्यता देखने लायक होती है.

केरल कासरगोड स्थित मधुर महागणपति मंदिर मधु वाहिनी नदी के तट पर बना हुआ है. जो अपने त्रिस्तरीय गोपुरम और अनोखी गणपति प्रतिमा के लिए काफी चर्चित है. पौराणिक कथाओं के मुताबिक इस मंदिर में टीपू सुल्तान ने एक बार आक्रमण किया था, लेकिन दैवीय हस्तक्षेप के बाद उसे छोड़ दिया. गणेश चतुर्थी के मौके पर मंदिर की भव्यता देखने लायक होती है.

कर्नाटक के बेलगावी स्थित प्रसिद्ध दगडूशेठ गणपति मंदिर है. यह मंदिर अपनी भव्य मूर्ति और सामुदायिक समारोहों के लिए काफी चर्चित है. इस मंदिर में महाराष्ट्र और कर्नाटक दोनों ही जगह से भक्त बप्पा के दर्शन के लिए आते हैं. गणेश चतुर्थी के मौके पर मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान गणेश के दर्शन के लिए आते हैं.

कर्नाटक के बेलगावी स्थित प्रसिद्ध दगडूशेठ गणपति मंदिर है. यह मंदिर अपनी भव्य मूर्ति और सामुदायिक समारोहों के लिए काफी चर्चित है. इस मंदिर में महाराष्ट्र और कर्नाटक दोनों ही जगह से भक्त बप्पा के दर्शन के लिए आते हैं. गणेश चतुर्थी के मौके पर मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान गणेश के दर्शन के लिए आते हैं.

महाराष्ट्र का अष्टविनायक मंदिर भी गणेश जी के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. यह अष्टविनायक मंदिर की पवित्र तीर्थयात्रा पुणे के आसपास के 8 प्राचीन मंदिरों में से होकर गुजरती है, जिनमें से हर एक की अनोखी कथा और स्वयंभू गणेश जी की मूर्ति है. मोरगांव से रंजनगांव तक, भक्त भक्ति के साथ इन मंदिरों की परिक्रमा करते हैं. इस मंदिर का जिक्र पौराणिक कथाओं में भी जिक्र है.

महाराष्ट्र का अष्टविनायक मंदिर भी गणेश जी के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. यह अष्टविनायक मंदिर की पवित्र तीर्थयात्रा पुणे के आसपास के 8 प्राचीन मंदिरों में से होकर गुजरती है, जिनमें से हर एक की अनोखी कथा और स्वयंभू गणेश जी की मूर्ति है. मोरगांव से रंजनगांव तक, भक्त भक्ति के साथ इन मंदिरों की परिक्रमा करते हैं. इस मंदिर का जिक्र पौराणिक कथाओं में भी जिक्र है.

तमिलनाडु के पिल्लैयारपट्टी स्थित करपगा विनायक मंदिर कराईकुडी के समीप है. इस बेहद ही प्राचीन चट्टानी मंदिर में एक गुफा में 6 फीट की गणेश प्रतिमा तराशी गई है. स्थानीय नागरिकों के मुताबिक ये मंदिर 1600 साल पुराना है, जो करपगा विनायक के नाम से काफी प्रसिद्ध है. गणेश चतुर्थी के मौके पर यहां का दृश्य मनोरम होता है.

तमिलनाडु के पिल्लैयारपट्टी स्थित करपगा विनायक मंदिर कराईकुडी के समीप है. इस बेहद ही प्राचीन चट्टानी मंदिर में एक गुफा में 6 फीट की गणेश प्रतिमा तराशी गई है. स्थानीय नागरिकों के मुताबिक ये मंदिर 1600 साल पुराना है, जो करपगा विनायक के नाम से काफी प्रसिद्ध है. गणेश चतुर्थी के मौके पर यहां का दृश्य मनोरम होता है.

सिक्किम के गंगटोक स्थित गणेश टोक मंदिर भगवान गणेश को समर्पित छोटा और प्रसिद्ध पहाड़ी मंदिर है. इस मंदिर से गंगटोक शहर का मनोहर दृश्य दिखाई देता है. इस मंदिर भक्त नए व्यापार को शुरू करने से पहले बप्पा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं.

सिक्किम के गंगटोक स्थित गणेश टोक मंदिर भगवान गणेश को समर्पित छोटा और प्रसिद्ध पहाड़ी मंदिर है. इस मंदिर से गंगटोक शहर का मनोहर दृश्य दिखाई देता है. इस मंदिर भक्त नए व्यापार को शुरू करने से पहले बप्पा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं.

आंध्र प्रदेश के चित्तूर स्थित कनिपकम विनायक मंदिर, जिसे 11वीं शताब्दी में चोल राजाओं द्वारा बनवाया गया था. इस मंदिर में भगवान गणेश की स्वयंभू मूर्ति स्थापित की गई है. माना जाता है कि समय के अनुसार इस इस मूर्ति का आकार बढ़ता जाता है. भक्तों का मानना है कि उनके जीवन में किसी भी तरह के विवाद को बप्पा ही सुलझाते हैं, जिस वजह से उन्हें वरसिद्धि विनायक के नाम से जाना जाता है.

आंध्र प्रदेश के चित्तूर स्थित कनिपकम विनायक मंदिर, जिसे 11वीं शताब्दी में चोल राजाओं द्वारा बनवाया गया था. इस मंदिर में भगवान गणेश की स्वयंभू मूर्ति स्थापित की गई है. माना जाता है कि समय के अनुसार इस इस मूर्ति का आकार बढ़ता जाता है. भक्तों का मानना है कि उनके जीवन में किसी भी तरह के विवाद को बप्पा ही सुलझाते हैं, जिस वजह से उन्हें वरसिद्धि विनायक के नाम से जाना जाता है.

कर्नाटक बैंगलोर स्थित सिद्धिविनायक मंदिर जो 600 साल से भी ज्यादा पुराना है. ये मंदिर गणेश जी के एक शक्तिशाली मंदिर के रूप में पूजा जाता है. मंदिर में विराजमान बप्पा की मूर्ति की पूजा वरसिद्धि विनायक यानी वरदान देने वाले भगवान के रूप में की जाती है. इस मंदिर का सबसे बड़ा आकर्षण गणेश चतुर्थी समारोह है, जो हजारों भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है.

कर्नाटक बैंगलोर स्थित सिद्धिविनायक मंदिर जो 600 साल से भी ज्यादा पुराना है. ये मंदिर गणेश जी के एक शक्तिशाली मंदिर के रूप में पूजा जाता है. मंदिर में विराजमान बप्पा की मूर्ति की पूजा वरसिद्धि विनायक यानी वरदान देने वाले भगवान के रूप में की जाती है. इस मंदिर का सबसे बड़ा आकर्षण गणेश चतुर्थी समारोह है, जो हजारों भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है.

तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली स्थित सातवीं शताब्दी का रॉकफोर्ट उच्ची पिल्लाय मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है, जिन्हें स्थानीय लोग पिल्लयार के नाम से जानते हैं. पौराणिक कहानियों के मुताबिक इसे भगवान राम के राज्याभिषेक की कथा और रावण की विभीषण की मूर्ति छिपाने में गणेश जी की अहम भूमिका से जोड़ती है. यह मंदिर तिरुचिरापल्ली के मनोरम दृश्यों में शामिल है.

तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली स्थित सातवीं शताब्दी का रॉकफोर्ट उच्ची पिल्लाय मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है, जिन्हें स्थानीय लोग पिल्लयार के नाम से जानते हैं. पौराणिक कहानियों के मुताबिक इसे भगवान राम के राज्याभिषेक की कथा और रावण की विभीषण की मूर्ति छिपाने में गणेश जी की अहम भूमिका से जोड़ती है. यह मंदिर तिरुचिरापल्ली के मनोरम दृश्यों में शामिल है.

राजस्थान के रणथंभौर किले के अंदर बना गणेश जी का मंदिर सबसे पुराने मंदिरों में से एक है. इस मंदिर में गणेश जी की मूर्ति के तीन नेत्र हैं, जिस वजह से उन्हें त्रिनेत्र गणेश जी के नाम से भी जाना जाता है. बप्पा के इस मंदिर में हर शुभ काम से पहले उन्हें निमंत्रण भेजा जाता है.

राजस्थान के रणथंभौर किले के अंदर बना गणेश जी का मंदिर सबसे पुराने मंदिरों में से एक है. इस मंदिर में गणेश जी की मूर्ति के तीन नेत्र हैं, जिस वजह से उन्हें त्रिनेत्र गणेश जी के नाम से भी जाना जाता है. बप्पा के इस मंदिर में हर शुभ काम से पहले उन्हें निमंत्रण भेजा जाता है.

महाराष्ट्र का सिद्धिविनायक मंदिर गणेश जी के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. सिद्धिविनायक को मनोकामना पूरी करने वाले भगवान के रूप में पूजा जाता है. इस मंदिर का निर्माण साल 1801 में हुआ था. यह मंदिर पूरे भारतवर्ष में काफी प्रसिद्ध मंदिरों में गिना जाता है. इस मंदिर में विराजमान गणपति बप्पा की मूर्ति की सूंड दाईं ओर मुड़ी हुई है, जो इसे बेहद दुर्लभ और शक्तिशाली बनाती है.

महाराष्ट्र का सिद्धिविनायक मंदिर गणेश जी के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. सिद्धिविनायक को मनोकामना पूरी करने वाले भगवान के रूप में पूजा जाता है. इस मंदिर का निर्माण साल 1801 में हुआ था. यह मंदिर पूरे भारतवर्ष में काफी प्रसिद्ध मंदिरों में गिना जाता है. इस मंदिर में विराजमान गणपति बप्पा की मूर्ति की सूंड दाईं ओर मुड़ी हुई है, जो इसे बेहद दुर्लभ और शक्तिशाली बनाती है.

Published at : 28 Aug 2025 12:53 PM (IST)


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