शनि अमावस्या पर जानें कुंडली में उच्च का शनि होने पर क्या लाभ मिलता है?


शनि अमावस्या पर जानें कुंडली में उच्च का शनि होने पर क्या लाभ मिलता है?
ज्योतिष अनुसार जब कुंडली में शनि उच्च का होता है तो जातक के जीवन में स्थिरता, अनुशासन और सफलता की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। ऐसा जातक मेहनती, जिम्मेदार और न्यायप्रिय होता है। यह योग करियर में काफी सकारात्मक परिणाम देता है। लेकिन शनि का स्वभाव है कि वे कोई भी शुभ फल मेहनत के बाद ही देते हैं। चलिए जानते हैं शनि के उच्च होने पर ओर क्या-क्या लाभ मिलते हैं।
शनि किस राशि में उच्च का होता है?
शनि तुला राशि में उच्च का माना जाता है। इस राशि के स्वामी शुक्र हैं और शनि-शुक्र का आपस में मित्रता का संबंध है इसलिए तुला में शनि को काफी बल प्राप्त होता है। यदि आपकी कुंडली में शनि तुला राशि में विराजमान है तो इसका मतलब आपका शनि उच्च का है।
कुंडली में उच्च का शनि होने पर क्या लाभ मिलते हैं?
- उच्च का शनि व्यक्ति को जिम्मेदार, मेहनती और न्यायप्रिय बनाता है।
- करियर, आर्थिक और व्यक्तिगत जीवन में स्थिरता बनाए रखता है।
- उच्च का शनि धैर्य, सहनशीलता और कठिन परिस्थितियों से निपटने की ताकत है।
- ऐसे लोग समाज में सम्मान पाते हैं।
- ऐसे व्यक्ति को प्रशासनिक पद, सरकारी सेवा या प्रबंधन के क्षेत्र में अच्छी सफलता हासिल होती है।
- जिनका उच्च का शनि होता है ऐसे लोग बेहद सोच-समझकर निवेश करते हैं इसलिए इन्हें आर्थिक नुकसान होने की कम संभावना रहती है।
- ऐसे लोग गलत कार्यों से दूर रहते हैं।
- ये लोग समस्याओं का समाधान निकालने में माहिर होते हैं।
किन भावों में उच्च का शनि शुभ माना जाता है?
तृतीय भाव | साहस, मेहनत और प्रयासों में मिलती है सफलता। |
षष्ठ भाव | शत्रुओं पर विजय और अच्छे स्वास्थ्य की होती है प्राप्ति। |
सप्तम भाव | विवाह जीवन में बनी रहती है स्थिरता। |
दशम भाव | करियर में प्रगति और सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि। |
एकादश भाव | धन में वृद्धि और सम्मान की प्राप्ति। |
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)
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