Shani Purnima 2025: शनि कृपा पाने का दुर्लभ संयोग, जानें पूजा विधि और उपाय

Shani Purnima 2025: हिंदू पंचांग के मुताबिक हर साल आषाढ़ और पौष मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है, लेकिन 2025 में आने वाली शनि पूर्णिमा बेहद खास मानी जा रही है. इस दिन पूर्णिमा तिथि और शनिवार का संयोग बन रहा है, जो शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त करने का अवसर देता है.
मान्यता है कि इस दिन शनि देव और चंद्रमा की पूजा करने से जीवन की समस्याएं कम होती है. इसके साथ ही मानसिक शांति और आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है.
शनि पूर्णिमा 2025 का पूजा मुहूर्त
- पूर्णिमा तिथि की शुरुआत: 8 अगस्त 2025, शुक्रवार, प्रातः 10:12 बजे
- पूर्णिमा तिथि की समाप्ति: 9 अगस्त 2025, शनिवार, प्रातः 08:56 बजे
- शनि पूजन का शुभ समय: 9 अगस्त 2025, शनिवार, सुबह 06:00 बजे से 08:30 बजे तक
- चंद्र उदय समय: 9 अगस्त 2025, शाम 07:10 बजे (स्थान अनुसार अंतर संभव)
शनि पूर्णिमा पूजा विधि
शनि पूर्णिमा अर्थात पूर्णिमा तिथि शनिवार को पड़ रही है. इस दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाएं. शनि देव के चित्र या प्रतिमा के सामने काली उड़द की दाल, काले तिल, नीले रंग के फूल, लोहे की कील और सरसों का तेल अर्पण करें.
इसके साथ ही ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का निरतंर जाप करें. इसके साथ ही चंद्रमा मको अर्घ्य देते समय मीठा दूध और चावल मिश्रित जल का इस्तेमाल करें.
शनि पूर्णिमा के खास उपाय
- इस दिन काले तिल और उड़द का दान करने से शनि दोष और साढ़ेसाती के प्रभाव कम होता है.
- गरीब और जरूरतमंद लोगों को काला कपड़ा, जूते-चप्पल और लोहे के बर्तन दान करना शुभ माना जाता है.
- पीपल के पेड़ में जल चढ़ाकर 7 बार परिक्रमा करें, इससे कामों में आ रही रुकावटें दूर होती हैं.
- शाम को शनि देव के मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाएं और ‘शनि स्तोत्र’ का पाठ करें.
- चंद्रमा के दोष दूर करने के लिए रात को चंद्रमा को दूध और चीनी मिले जल से अर्घ्य दें.
शनि पूर्णिमा 2025 का दिन शनि देव की कृपा और चंद्रमा की शांति प्राप्त करने का अद्भुत योग है. सही मुहूर्त और विधि से पूजा करने पर न केवल आर्थिक और पारिवारिक समस्याएं दूर होती हैं, बल्कि मन को स्थिरता और आत्मविश्वास भी मिलता है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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