क्या होता है ओजेम्पिक ट्रीटमेंट, इसका इंजेक्शन लगवाना कितना खतरनाक?


ओजेम्पिक को सेमाग्लूटाइड के नाम से भी जाना जाता है. असल में टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों के लिए बनाई गई दवा है. ये हमारे शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करती है, लेकिन पिछले कुछ समय से लोग इसे वजन कम करने के लिए भी खूब इस्तेमाल कर रहे हैं. दरअसल, कुछ रिसर्च में इसे वजन कम करने के लिए फायदेमंद बताया गया था. हालांकि, अब इस दवा को लेकर एक नई और चिंताजनक बात सामने आई है. 

ओजेम्पिक के सेवन से लोगों के मूड और पर्सनालिटी पर भी असर पड़ रहा है. इसके साइड-इफेक्ट्स के तौर पर मूड स्विंग्स और पर्सनालिटी डिसऑर्डर जैसी शिकायतें मिल रही हैं, जो यकीनन सेहत के लिए सही नहीं हैं. इसके अंधाधुंध इस्तेमाल से अब नए खतरे सामने आ रहे हैं. इस लेख में विशेषज्ञ बता रहे हैं कि ओजेम्पिक क्या है, क्या यह सेफ है और इसके कुछ साइड इफेक्ट्स तो नहीं हैं. 

क्या है ओजेम्पिक?

ओजेम्पिक को 2017 में अमेरिकी एफडीए से 18 साल से ज्यादा उम्र के टाइप 2 डायबिटीज मरीजों के लिए मंजूरी मिली थी. वेट लॉस एक्सपर्ट डॉ. रीमा अरोरा बताती हैं कि यह एक इंजेक्शन है, जिसे हफ्ते में एक बार डॉक्टर की सलाह पर लगाया जाता है और ये शरीर में इंसुलिन बढ़ाने का काम करता है. हालांकि, इसे वजन घटाने के लिए आधिकारिक तौर पर मंजूरी नहीं मिली है, लेकिन फिर कई बार डॉक्टर इसे लिख देते हैं.

ये दवा शरीर में बनने वाले नेचुरल हार्मोन की तरह काम करती है. जब हार्मोन का लेवल बढ़ता है, तो ये दिमाग को पेट भरे होने का सिग्नल भेजते हैं. ये खाने के पाचन को भी धीमा कर देती है, जिससे खाना देर से पचता है, जो कुछ हद तक बेरिएट्रिक सर्जरी जैसा असर देता है. ओजेम्पिक का इस्तेमाल डायबिटीज के इलाज में लंबे समय तक किया जाता है और वजन कम होना इसका एक आम साइड इफेक्ट है.

ओजेम्पिक ट्रीटमेंट: रिस्क और बेनिफिट्स 

एक्सपर्ट डायटीशियन आरती जैन कहती हैं कि ओजेम्पिक का यूज हमेशा डॉक्टर की स्ट्रिक्ट सुपरविजन में ही होना चाहिए. बिना सुपरविजन के यूज करने से सीरियस हेल्थ रिस्क और साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं.

  • वजन का फिर से बढ़ना: कई यूजर्स दवा बंद करने के बाद वेट फिर से गेन करने का एक्सपीरियंस करते हैं. ये शायद इसलिए होता है, क्योंकि बॉडी अडैप्ट कर लेती है और भूख बढ़ जाती है.
  • गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम्स: कॉमन साइड-इफेक्ट्स में मतली, उल्टी, दस्त और कब्ज शामिल हैं, क्योंकि ये दवा डाइजेशन को स्लो कर देती है.
  • हाइपोग्लाइसीमिया का रिस्क: ब्लड शुगर में अचानक गिरावट (हाइपोग्लाइसीमिया) का रिस्क होता है, खासकर अगर इसे दूसरी डायबिटीज मेडिसन के साथ लिया जाए.

रेयर और सीरियस

  • साइड-इफेक्ट्स: हालांकि ये अनकॉमन हैं, फिर भी पैनक्रियाटाइटिस और यहां तक कि कुछ थायरॉइड ट्यूमर का भी हल्का रिस्क होता है. दूसरे जनरल साइड-इफेक्ट्स में चक्कर आना, सिरदर्द और थकान शामिल हो सकते हैं.
  • मसल्स लॉस: प्रॉपर डाइट और एक्सरसाइज़ के बिना, कुछ इंडिविजुअल्स को ओजेम्पिक लेते समय मांसपेशियों में कमी का एक्सपीरियंस हो सकता है.
  • सबके लिए नहीं (Not for Everyone): वेट लॉस बेनिफिट्स के बावजूद ये ओबेसिटी का यूनिवर्सल सॉल्यूशन नहीं है. डॉक्टर इसे डायबिटीज या ओबेसिटी के स्पेसिफिक मेडिकल क्राइटेरिया के बेसिस पर ही लिखते हैं, न कि सिर्फ कॉस्मेटिक वेट लॉस के लिए.

ओजेम्पिक एक इफेक्टिव मेडिसन है, जब इसे सही परपज के लिए और प्रॉपर तरीके से यूज किया जाए. हालांकि, इसके यूज के लिए पोटेंशियल रिस्क को कम करने और पेशेंट सेफ्टी एंश्योर करने के लिए केयरफुल मेडिकल गाइडेंस की जरूरत होती है.

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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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