
रिलायंस जियो मार्च 2025 में सबसे ज़्यादा नए ग्राहकों को जोड़ने वाली कंपनी रही. इस महीने पूरे देश में जितने भी नए मोबाइल ग्राहक जुड़े, उनमें से लगभग 74 प्रतिशत यानी 2.17 मिलियन (21.7 लाख) ग्राहक सिर्फ जियो के हिस्से आए. जियो ने सिर्फ कुल ग्राहकों की संख्या में ही बढ़ोतरी नहीं की, बल्कि हर कैटेगरी में आगे रही. चाहे वायरलेस ग्राहक हों, वायर्ड इंटरनेट कनेक्शन हो या फिर 5G AirFiber सर्विस. जियो की बढ़त एयरटेल जैसी दूसरी बड़ी कंपनियों से लगभग दोगुना रही. खासतौर पर VLR यानी Visitor Location Register के आंकड़ों में जियो ने 5.03 मिलियन (50.3 लाख) सक्रिय ग्राहक जोड़कर 86 प्रतिशत का मार्केट शेयर हासिल किया.
5G फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (FWA) के क्षेत्र में भी जियो ने सबसे तेज़ ग्रोथ दिखाई. यह सेगमेंट पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है और भारत में भी इसका असर साफ दिखाई दे रहा है. मार्च 2025 तक जियो के FWA ग्राहकों की संख्या 5.57 मिलियन (55.7 लाख) तक पहुंच गई और इसने इस क्षेत्र में 82 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी हासिल की. एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2024 की दूसरी छमाही में जियो भारत की सबसे तेज मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर रही, खासतौर पर 5G नेटवर्क में.
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2025 में देश के कुल वायरलेस (मोबाइल और 5G FWA) ग्राहकों की संख्या बढ़कर 1,163.76 मिलियन (116.3 करोड़) हो गई, जो फरवरी 2025 में 1,160.33 मिलियन (116 करोड़) थी. यानी देश में कुल मोबाइल यूजर्स की संख्या में 0.28 प्रतिशत की मासिक वृद्धि दर्ज की गई.
शहरी और ग्रामीण इलाकों की बात करें तो शहरी क्षेत्रों में मोबाइल ग्राहकों की संख्या में थोड़ी गिरावट देखी गई, जहां यह फरवरी में 634 मिलियन से घटकर मार्च में 632.57 मिलियन रह गई. वहीं ग्रामीण इलाकों में ग्राहक संख्या 526.33 मिलियन से बढ़कर 531.18 मिलियन हो गई. इसका मतलब है कि ग्रामीण भारत में मोबाइल सेवाओं की पहुंच लगातार बढ़ रही है.
अगर मोबाइल (वायरलेस) ग्राहकों के आंकड़ों को देखा जाए तो फरवरी के मुकाबले मार्च 2025 में इनकी संख्या 1,154.05 मिलियन से बढ़कर 1,156.99 मिलियन हो गई, जो कि 0.25 प्रतिशत की मासिक वृद्धि दर्शाता है. शहरी इलाकों में 627.94 मिलियन से 628.31 मिलियन की मामूली ग्रोथ रही, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा तेजी रही 526.11 मिलियन से 528.68 मिलियन हो गई.
क्षेत्रवार आंकड़ों में दिल्ली सबसे आगे रहा, जहां टेली-डेंसिटी 275.79 प्रतिशत रही, यानी औसतन हर व्यक्ति के पास लगभग तीन मोबाइल कनेक्शन हैं. इसके विपरीत बिहार में यह आंकड़ा सबसे कम 57.23 प्रतिशत दर्ज किया गया.
(डिस्क्लेमर – नेटवर्क18 और टीवी18 कंपनियां चैनल/वेबसाइट का संचालन करती हैं, जिनका नियंत्रण इंडिपेंडेट मीडिया ट्रस्ट करता है, जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज एकमात्र लाभार्थी है.)
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