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भारत ने 2025 के बजट में इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती की है, जिससे हार्ले-डेविडसन और टेस्ला की वापसी संभव है. हार्ले को 1,600 सीसी तक की बाइक्स पर कर में 10 प्रतिशत की कमी का फायदा मिलेगा.

सरकार ने बजट 2025 में इंपोर्टेड कार और बाइक्स पर इंपोर्ट ड्यूटी कम कर दी है.
नई दिल्ली. भारत लंबे समय से इंपोर्टेड कारों और मोटरसाइकिलों का देश रहा है, इससे पहले भी विदेशी वाहन निर्माताओं ने भारत में आधिकारिक तौर पर वाहन बेचना शुरू किया था. हालांकि, इनमें से अधिकतर जापान और यूरोप से थे. अमेरिकी कार निर्माताओं ने फोर्ड (Ford) और शेवरले (Chevrolet) भारत में अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन खराब बिक्री के कारण उन्हें अपनी कारों की सेल भारत में बंद करनी पड़ी. अब, इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती के साथ, क्या ऐसी कंपनियां वापसी कर सकती हैं? या क्या भारत में नए कार मेकर्स एंट्री कर सकते हैं?
2025 के बजट घोषणा में भारत ने हाई-एंड मोटरसाइकिलों, कारों और स्मार्टफोन पार्ट्स के लिए इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती की. इसके बाद से दो अमेरिकी ब्रांड्स को लेकर काफी चर्चा हो रही है. वो हैं हार्ले-डेविडसन (Harley Davidson) और टेस्ला (Tesla) . हार्ले ने पहली बार 2010 में भारत में प्रवेश किया और लगभग 10 साल बाद बाहर हो गई. इसके बाद ब्रांड ने भारत के बाजार में फिर एंट्री की. लेकिन, भारी टैक्स की वजह से इसकी कीमत कंपनी के लिए हमेशा एक चिंता का विषय रही है.
कितनी सस्ती होंगी हार्ले की बाइक्स?
अब, 1,600 सीसी तक इंजन क्षमता वाले सीबीयू यानी कम्प्लीटली बिल्ट यूनिट्स के लिए आयात करों में 10 प्रतिशत की कटौती होने से हार्ले को यहां फायदा होगा. कंपनी को सेमी-नॉक्ड डाउन (एसकेडी) यूनिट्स के मामले में भी फायदा होगा क्योंकि उन पर कर में 5 प्रतिशत की कमी देखी गई है, जबकि पूरी तरह से नॉक्ड डाउन (सीकेडी) यूनिट्स पर 15 प्रतिशत के बजाय केवल 10 प्रतिशत कर लगेगा.
टेस्ला की भी एंट्री संभव
यह भारत सरकार के साथ लंबी लड़ाई के बाद टेस्ला के लिए भारत में प्रवेश का रास्ता भी बनाएगा, जो टेस्ला को भारत में एक कारखाना स्थापित करने के लिए कह रही है. बजट घोषणा में 40,000 डॉलर (35 लाख रुपये) से ऊपर की कीमत वाली स्टेशन वैगन और रेसकार सहित लक्जरी कारों के लिए कर को 125 प्रतिशत से घटाकर 70 प्रतिशत कर दिया गया था.
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