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आज चीन के पास अपनी जरूरत से लगभग दोगुनी कारें बनाने की क्षमता है. चीन ने इलेक्ट्रिक कारों के डेवलपमेंट में भारी निवेश किया है.

नई दिल्ली. सिर्फ 2 दशक पहले चीन के पास कार बनाने की बहुत कम क्षमता थी और कार का मालिक होना बड़ी बात मानी जाती थी. आज चीन दुनिया में सबसे ज्यादा कारें बनाता और निर्यात करता है. कई देश पहले से ही चीन के इलेक्ट्रिक वाहनों पर एक्सट्रा टैरिफ लगाते हैं. लेकिन ऑटोमेकिंग में चीन की बादशाहत बनी हुई है.
चीन का घरेलू कार बाजार दुनिया का सबसे बड़ा है. लगभग उतना ही बड़ा जितना कि अमेरिका और यूरोप के बाजार मिलाकर हैं. जैसे-जैसे चीन का घरेलू बाजार बढ़ा, वैसे-वैसे उसकी प्रोडक्शन कैपेसिटी भी बढ़ी. यह बड़े सरकारी निवेश और ऑटोमेशन में विश्व-स्तरीय प्रगति की वजह से हुई. हालांकि, हाल के सालों में चीन की आर्थिक मंदी के कारण कंज्यूमर स्पेंडिंग में कमी आई है और बिक्री की गति धीमी हो गई है.
दोगुनी कारें बनाने की क्षमता
आज चीन के पास अपनी जरूरत से लगभग दोगुनी कारें बनाने की क्षमता है. इस एक्सेस प्रोडक्शन से निपटने के लिए चीन ने विदेशों में कारें बेचने पर फोकस किया है. ईटी की एक खबर के मुताबिक, चीन इलेक्ट्रिक वाहनों के ट्रांजिशन में अग्रणी है और वह किसी भी दूसरे देश की तुलना में ज्यादा इलेक्ट्रिक कारें निर्यात करता है. चीनी ब्रांड जैसे BYD एडवांस इलेक्ट्रिक कारें सबसे प्रतिस्पर्धी कीमतों पर पेश करने के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं. जैसे-जैसे चीनी कंपनियां तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़े हैं, चीन में गैसोलीन से चलने वाली कारों की मांग में गिरावट आई है और कई कारें निर्यात की जा रही हैं.
लेकिन चीन के ट्रेडिंग पार्टनर का कहना है कि चीन के इलेक्ट्रिक और गैसोलीन से चलने वाली कारों के निर्यात से लाखों नौकरियों को खतरा है और प्रमुख कंपनियों पर असर पड़ रहा है. चीन ने कार आयात पर हाई टैरिफ और अन्य टैक्सेज का इस्तेमाल एक बैरियर के रूप में किया है, ताकि चीन में बेची जाने वाली लगभग सभी कारें चीन में ही बनाई जाएं.
इलेक्ट्रिक कारों में भारी निवेश
चीन ने आयातित तेल पर अपनी निर्भरता को सीमित करने के लिए पिछले 15 सालों से ज्यादा समय से इलेक्ट्रिक कारों के डेवलपमेंट में भारी निवेश किया है. 2003 से 2013 तक चीन के प्रधानमंत्री रहे वेन जियाबाओ ने इलेक्ट्रिक कारों को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक बनाया. 2007 में उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी के बाहर जाकर जर्मनी में ऑडी के पूर्व इंजीनियर और शंघाई में जन्मे वान गांग को देश का साइंस और टेक्नोलॉजी मंत्री चुना. वेन ने उन्हें चीन को इलेक्ट्रिक कारों में वर्ल्ड लीडर बनाने के लिए लगभग असीमित संसाधन दिए. अब चीन के आधे कार खरीदार बैटरी इलेक्ट्रिक या प्लग-इन हाइब्रिड कारें चुनते हैं. हाल तक, इलेक्ट्रिक कारों के खरीदारों को सरकार से बड़े सब्सिडी मिलते थे. कार निर्माताओं को सरकारी बैंकों से दर्जनों फैक्ट्रियों के निर्माण के लिए कम ब्याज दर वाले लोन मिले हैं, साथ ही सरकार से टैक्स में छूट, सस्ती जमीन और बिजली भी मिली है.
प्रिंट मीडिया से करियर की शुरुआत करने के बाद पिछले 5 वर्षों से News18Hindi में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर कार्यरत हैं. लगभग 2 वर्षों से बिजनेस न्यूज टीम का हिस्सा हैं. पत्रकारिता में करीब एक दशक का अनुभव रखते हैं. …और पढ़ें
प्रिंट मीडिया से करियर की शुरुआत करने के बाद पिछले 5 वर्षों से News18Hindi में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर कार्यरत हैं. लगभग 2 वर्षों से बिजनेस न्यूज टीम का हिस्सा हैं. पत्रकारिता में करीब एक दशक का अनुभव रखते हैं. … और पढ़ें
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