
Haram and Halal animals in Islam: इस्लाम धर्म में इंसानों की ही तरह जानवरों को लेकर भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं. कौन सा जानवर खाया जा सकता है (हलाल) और कौन सा नहीं (हराम) जा सकता है. इसके बारे में कुरान और हदीस में विस्तार से बताया गया है.
इस्लाम धर्म के मुताबिक ऐसे जानवरों को शुभ माना जाता है जो स्वभाव से अहिंसक और इस्लामी विधि से जिबह किया गया हो. वही हिंसक जानवरों सूअर, गधा और शिकारी पशु-पक्षियों को खाना इस्लाम में हराम का काम होता है. आज हम जानेंगे इस्लाम धर्म के अनुसार कौन-सा जानवर हराम होता है और कौन सा हलाल.
इस्लाम में हलाल माने जाने वाले जानवर कौन-से हैं?
कुरान (सुरा अल-हज 22:36) के मुताबिक हलाल जानवरों में ऊंट, गाय, बकरियां और भेड़ शामिल हैं. इसके अलावा मुर्गी, बत्तख, तीतर, मछलियां व अन्य पक्षी हलाल जानवर कहलाते हैं.
- गाय
- बकरी
- भेड़
- ऊँट
- मुर्गी
- बतख
- हिरण
- खरगोश
- मछली
इस्लाम में हलाल जानवर कौन से होते हैं?
इस्लाम धर्म के मुताबिक जो जानवर पंजों या नाखून से शिकार करता हो, वो हलाल जानवर कहलाते हैं. इसमें
- सुअर
- शेर
- बाघ
- लोमड़ी
- चीता
- कुत्ता
इस्लाम में मेंढक को मारना गुनाह
इसके अलावा इस्लाम धर्म में बाज, चील, उल्लू आदि जंगली पक्षियों का शिकार करना भी हराम माना जाता है. हदीस सही बुखारी (5520) के मुताबिक इस्लाम में घरेलू गधे का मांस खाना भी गुनाह होता है. हदीस अबू दाऊद (5269) में मेंढक को मारने से मना किया जाता है.
इसके साथ ही इस्लाम धर्म में बिल्ली को पालना हलाल है लेकिन खाना हराम होता है. इसके अलावा कौवे को इस्लाम धर्म में नापाक पक्षियों में गिना जाता है. इस्लाम धर्म में काले कुत्ते को शैतान का रूप माना जाता है. हराम जानवरों को खाने और पालने की सलाह नहीं दी जाती है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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