
2014 का आम चुनाव भारतीय इतिहास में एक ऐतिहासिक मोड़ था। दशकों की गठबंधन सरकारों के बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत हासिल किया। यह जीत केवल राजनीतिक नहीं थी, बल्कि यह भारत के आम नागरिकों की उन आकांक्षाओं का प्रतीक थी, जो एक निर्णायक, मजबूत और विकास-उन्मुख सरकार चाहते थे। “सबका साथ, सबका विकास” के मंत्र के साथ शुरू हुआ यह सफर पिछले एक दशक में साहसिक नीतियों, परिवर्तनकारी सुधारों और राष्ट्रीय गौरव की पुनर्स्थापना के साथ आगे बढ़ा है। यह लेख तथ्यों और आंकड़ों के आधार पर उन प्रमुख क्षेत्रों का विश्लेषण करता है, जहाँ मोदी सरकार ने भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया है।
1. आर्थिक सुधार और बुनियादी ढांचे का कायाकल्प
आर्थिक मजबूती किसी भी राष्ट्र की प्रगति का आधार होती है। मोदी सरकार ने साहसिक सुधारों और बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से भारत को वैश्विक आर्थिक मंच पर एक नई पहचान दी है।
वस्तु एवं सेवा कर (GST)
2017 में लागू वस्तु एवं सेवा कर (GST) “एक राष्ट्र, एक कर” के सिद्धांत पर आधारित भारतीय कर प्रणाली का सबसे बड़ा सुधार था। इसने दर्जनों अप्रत्यक्ष करों को समाप्त कर एक एकीकृत बाजार बनाया, जिससे व्यापार में आसानी हुई और कर संग्रह में पारदर्शिता आई। 2023-24 में जीएसटी संग्रह में 10% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई, जो अब मासिक ₹1.5 लाख करोड़ से अधिक के स्तर पर स्थिर है। यह अर्थव्यवस्था की मजबूती और उपभोग में वृद्धि को दर्शाता है।
‘मेक इन इंडिया’ और विनिर्माण को बढ़ावा
2014 में शुरू ‘मेक इन इंडिया’ अभियान ने भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने का लक्ष्य रखा। मोबाइल फोन निर्माण में भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। 2014 में जहाँ भारत लगभग पूरी तरह से मोबाइल फोन आयात करता था, वहीं 2024 तक 99% से अधिक फोन देश में निर्मित हो रहे हैं। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ी है, और भारत अब 70 से अधिक देशों को रक्षा उपकरण निर्यात करता है, जिसमें मिसाइलें और हथियार शामिल हैं। ‘प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव’ (PLI) योजना ने इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स और ऑटोमोबाइल क्षेत्रों में निवेश को आकर्षित किया है।
बुनियादी ढांचे का अभूतपूर्व विकास
मोदी सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी, जिसने भारत की कनेक्टिविटी और आर्थिक गतिशीलता को नया आयाम दिया।
- सड़कें: राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण रिकॉर्ड गति से हुआ है। 2014 से पहले प्रतिदिन औसतन 12 किलोमीटर राजमार्ग बनते थे, जो 2024 तक बढ़कर 37 किलोमीटर प्रतिदिन हो गया। ‘भारतमाला परियोजना’ के तहत 34,800 किलोमीटर से अधिक राजमार्गों का निर्माण और उन्नयन हो रहा है, जिससे लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आई है।
- रेलवे: भारतीय रेलवे का आधुनिकीकरण तेजी से हुआ। ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ ट्रेनें भारत की नई पहचान बन गई हैं। 2025 तक 40 से अधिक वंदे भारत ट्रेनें शुरू हो चुकी हैं, जो विश्व स्तरीय यात्रा अनुभव प्रदान करती हैं। रेलवे नेटवर्क का 90% से अधिक विद्युतीकरण पूरा हो चुका है।
- हवाई अड्डे: ‘उड़ान’ योजना ने छोटे शहरों को हवाई मार्ग से जोड़ा। 2014 में 74 हवाई अड्डे थे, जो 2024 तक बढ़कर 148 से अधिक हो गए, जिससे हवाई यात्रा आम नागरिक के लिए सुलभ हुई।
- गति शक्ति: 2021 में शुरू ‘गति शक्ति’ योजना ने लॉजिस्टिक्स और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को एकीकृत किया। राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन (NIP) के तहत ₹111 लाख करोड़ की परियोजनाएँ चल रही हैं, जो भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक प्रमुख खिलाड़ी बना रही हैं।
आर्थिक प्रगति
2014 में भारत की अर्थव्यवस्था विश्व में 10वें स्थान पर थी, जो 2025 तक 4.187 ट्रिलियन डॉलर के साथ 4थी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई, जापान को पीछे छोड़ते हुए। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, भारत 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। विदेशी मुद्रा भंडार 2024 में $700 बिलियन से अधिक हो गया, जो भारत की आर्थिक स्थिरता का प्रमाण है। स्टार्टअप इंडिया और डिजिटल अर्थव्यवस्था ने भारत को नवाचार का केंद्र बनाया, जिसमें 1,200 से अधिक यूनिकॉर्न और 100,000 से अधिक स्टार्टअप्स शामिल हैं।
2. डिजिटल इंडिया और यूपीआई क्रांति
डिजिटल इंडिया अभियान ने भारत को तकनीकी रूप से सशक्त बनाया।
- यूपीआई (UPI): यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस ने डिजिटल भुगतान में क्रांति ला दी। 2023 में भारत ने वैश्विक डिजिटल लेनदेन का 46% हिस्सा संभाला। मासिक UPI लेनदेन की मात्रा 1,200 करोड़ से अधिक और मूल्य ₹18 लाख करोड़ से अधिक है। UPI ने छोटे व्यापारियों से लेकर बड़े व्यवसायों तक नकदी पर निर्भरता को कम किया।
- भारत नेट: ग्रामीण क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट के लिए 2.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतें ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जुड़ चुकी हैं।
- आधार: 130 करोड़ से अधिक आधार कार्ड जारी किए गए, जो दुनिया का सबसे बड़ा बायोमेट्रिक पहचान कार्यक्रम है। आधार ने सरकारी योजनाओं के लाभ को सीधे लाभार्थियों तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
3. गरीब कल्याण और सामाजिक सुरक्षा: अंत्योदय का सिद्धांत
मोदी सरकार ने समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास का लाभ पहुँचाने पर जोर दिया।
- प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY): दुनिया का सबसे बड़ा वित्तीय समावेशन कार्यक्रम। 2024 तक 50 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए, जिसमें 55% खाते महिलाओं के हैं। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से ₹34 लाख करोड़ से अधिक की राशि हस्तांतरित की गई।
- उज्ज्वला योजना: 9.6 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान किए गए, जिससे महिलाओं को धुएँ भरी रसोई से मुक्ति मिली।
- स्वच्छ भारत मिशन: 11 करोड़ से अधिक शौचालयों के निर्माण ने भारत को 2019 में खुले में शौच से मुक्त बनाया।
- आयुष्मान भारत और वय वंदना कार्ड: दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना, आयुष्मान भारत, 50 करोड़ लोगों को प्रति वर्ष ₹5 लाख तक का मुफ्त इलाज प्रदान करती है। 11 सितंबर 2024 को इस योजना का विस्तार कर 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को ‘आयुष्मान वय वंदना कार्ड’ के तहत शामिल किया गया, जिससे 4.5 करोड़ परिवारों, जिसमें 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं, को लाभ मिलेगा। पहले से शामिल परिवारों को अतिरिक्त ₹5 लाख का टॉप-अप कवर मिलेगा। 9 दिसंबर 2024 तक 25 लाख से अधिक आयुष्मान वय वंदना कार्ड जारी किए गए। दिल्ली में इस योजना के तहत 10 लाख रुपये तक का मेडिकल कवर प्रदान किया जा रहा है। 2024 तक 4 करोड़ से अधिक लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया।
- पीएम-किसान सम्मान निधि: 11 करोड़ से अधिक किसानों को प्रति वर्ष ₹6,000 की वित्तीय सहायता दी जा रही है।
- प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY): 4 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को पक्के मकान उपलब्ध कराए गए।
4. टीकाकरण अभियान और स्वास्थ्य सेवा
कोरोना महामारी के दौरान भारत ने दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया। 2021-2023 के बीच 220 करोड़ से अधिक वैक्सीन खुराकें वितरित की गईं, जिसमें स्वदेशी ‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सिन’ शामिल थीं। भारत ने 100 से अधिक देशों को वैक्सीन निर्यात और दान कर ‘वैक्सीन मैत्री’ की मिसाल कायम की।
5. रक्षा नीति और रक्षा क्षेत्र में विकास
मोदी सरकार ने रक्षा नीति को मजबूत करते हुए भारत को एक आत्मनिर्भर और शक्तिशाली राष्ट्र बनाया।
- आत्मनिर्भर भारत in Defence: रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण पर जोर दिया गया। भारत अब स्वदेशी हथियारों जैसे तेजस लड़ाकू विमान, अर्जुन टैंक, और ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण कर रहा है। रक्षा निर्यात 2014 के ₹2,000 करोड़ से बढ़कर 2023-24 में ₹21,083 करोड़ से अधिक हो गया है। उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा औद्योगिक कॉरिडोर स्थापित किए गए हैं, जो स्वदेशी उत्पादन और नवाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) की सीमा को 74% तक बढ़ाया गया, जिससे निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ी।
- आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस: उरी (2016) और पुलवामा (2019) हमलों के जवाब में सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयरस्ट्राइक ने भारत की कठोर नीति को प्रदर्शित किया। 2025 में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पहलगाम हमले (22 अप्रैल 2025) के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के पंजाब और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की, जिसने भारत के आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प को दर्शाया। यह ऑपरेशन भारत की रक्षा नीति को फिर से परिभाषित करने का प्रतीक बन गया।
- रक्षा बुनियादी ढांचा: सीमा सड़क संगठन (BRO) ने अटल टनल और ज़ोजिला टनल जैसे सामरिक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया, जिसने सीमावर्ती क्षेत्रों में सेना की तैनाती और गतिशीलता को बढ़ाया।
6. मजबूत विदेश नीति
मोदी सरकार ने भारत को वैश्विक मंच पर एक सशक्त स्थिति दिलाई।
- कूटनीतिक सफलताएँ: 2023 में G20 शिखर सम्मेलन और ‘दिल्ली घोषणापत्र’ की सर्वसम्मति भारत की कूटनीतिक जीत थी। अमेरिका, रूस, जापान, और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ संबंध मजबूत हुए।
- आतंकवाद पर वैश्विक सहमति: मोदी ने वैश्विक मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को बढ़ावा दिया। ऑपरेशन सिंदूर ने इस नीति को और मजबूती दी।
7. सांस्कृतिक पुनर्जागरण और राष्ट्रीय गौरव
मोदी सरकार ने भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को पुनर्जनन दिया।
- राम मंदिर का निर्माण: 2024 में अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन भारतीय सभ्यता के गौरव का प्रतीक है।
- धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, उज्जैन में महाकाल लोक, और केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण ने तीर्थ स्थलों को नई भव्यता दी।
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी: सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।
- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: मोदी के प्रयासों से 21 जून को संयुक्त राष्ट्र द्वारा ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ घोषित किया गया, जिसने भारत की योग परंपरा को वैश्विक मान्यता दिलाई।
8. विकसित भारत 2047 का विजन
मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का रोडमैप प्रस्तुत किया। ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ ने इस संदेश को देश के हर कोने तक पहुँचाया। भारत की अर्थव्यवस्था 4थी सबसे बड़ी बन चुकी है, और 2030 तक तीसरे स्थान पर पहुँचने की उम्मीद है। स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल अर्थव्यवस्था, और ग्रीन हाइड्रोजन मिशन जैसे कदम भारत को भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं।
निष्कर्ष
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने आर्थिक, सामाजिक, रक्षा, और सांस्कृतिक क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति की है। जीएसटी, मेक इन इंडिया, और डिजिटल इंडिया ने भारत को वैश्विक आर्थिक और तकनीकी शक्ति बनाया। आयुष्मान भारत और वय वंदना कार्ड जैसी योजनाओं ने समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुँचाया। ऑपरेशन सिंदूर, सर्जिकल स्ट्राइक, और बालाकोट एयरस्ट्राइक ने भारत की आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ नीति को स्थापित किया। सांस्कृतिक पुनर्जागरण ने भारतीयों में गौरव का संचार किया। चुनौतियाँ जैसे बेरोज़गारी और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता बनी हुई हैं, लेकिन तथ्य और आंकड़े साबित करते हैं कि भारत ने पिछले एक दशक में विकास, आत्मविश्वास, और वैश्विक सम्मान की नई ऊंचाइयों को छुआ है। ‘विकसित भारत 2047’ का लक्ष्य सामूहिक प्रयासों और मजबूत नेतृत्व के साथ साकार होगा।
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