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Success Story: भोजपुर के अरविंद और सोनू शर्मा ने पेट्रोल बाइक को इलेक्ट्रिक बाइक में बदलकर पर्यावरण संरक्षण का अनोखा तरीका अपनाया है. 50 से अधिक बाइक बदल चुके हैं और अब डिमांड बढ़ रही है.

पुराने बाइक के साथ दो भाईयों ने मिलकर गजब का एक्सपेरिमेंट किया है. यह एक्सपेरिमेंट अब चर्चा का विषय बन गई और लोग बाइक का ऑर्डर करने लगे हैं. बता दें कि भोजपुर के दो भाइयों ने बढ़ते प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया है. उन्होंने पेट्रोल से चलने वाली बाइक को बैटरी से चलने वाली इलेक्ट्रिक बाइक में बदल दिया है. इस इलेक्ट्रिक बाइक की कीमत भी काफी कम है और इसे हर तबके के लोग आसानी से खरीद सकते हैं.

अरविंद शर्मा और सोनू शर्मा नामक दोनों भाई मिलकर महज 3 से 4 घंटे में पेट्रोल बाइक को इलेक्ट्रिक बाइक में बदल देते हैं. दोनों भाइयों का कहना है कि अब तक करीब 50 से ज्यादा पेट्रोल बाइक को इलेक्ट्रिक बाइक में बदलकर बाजार में बेचा है. इसके बाद से इलेक्ट्रिक बाइक की इतनी डिमांड आ रही है कि पूरा कर पाना मुश्किल हो रहा है.

आरा शहर के जमीरा गांव के रहने वाले अरविंद शर्मा और सोनू शर्मा दोनों सगे भाई हैं. अरविंद शर्मा की उम्र 32 साल है और उन्होंने जैन कॉलेज से कॉमर्स में स्नातक किया है. सोनू शर्मा की उम्र 34 साल है और उन्होंने संजय गांधी कॉलेज से इंटर साइंस तक की पढ़ाई की है. उनके पिता राज कुमार शर्मा लोहे के टूल्स बनाने का काम करते हैं.

दोनों भाई ऐसी गाड़ियों को इलेक्ट्रिक बाइक बना रहे हैं, जिन्हें लोग कबाड़ में बेच देते हैं या घर में रखे-रखे खराब हो जाती है. उनका कहना है कि अगर सारे उपकरण उपलब्ध रहे तो, पेट्रोल इंजन से बैटरी बाइक बनाने में 3 से 4 घंटे का समय लगता है.

अरविंद शर्मा ने बताया कि पुरानी इंजन बाइक समय के साथ धुआं देने लगती है, जिससे वायुमंडल प्रदूषित होता है. साथ ही, नए इलेक्ट्रिक बाइक काफी महंगे होते हैं, इसलिए सोचा कि क्यों न खुद इलेक्ट्रिक बाइक बनाएं. सबसे पहले खुद के लिए इलेक्ट्रिक बाइक तैयार की. अब तक 50 से अधिक लोग लोग इलेक्ट्रिक बाइक खरीद चुके हैं. साथ ही लोगों की लागातार डिमांड भी आ रही है.

उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक बाइक बनाने के लिए पेट्रोल इंजन और उससे जुड़े सभी टूल्स को हटा दिया. इसके बाद 48 वोल्ट की बैटरी और उतनी ही पावर का मोटर लगाया. नॉर्मल बैटरी के साथ बाइक 50 किलोमीटर तक आराम से चल सकती है और इसे चार्ज करने में 6 घंटे का समय लगता है.

अरविंद ने बताया कि अगर लिथियम बैटरी लगाई जाए तो 3 घंटे चार्ज करने पर स्पीड और माइलेज दोनों बढ़ जाती है. इस प्रकार की बाइक बनाने में 30-35 हजार रुपये का खर्च आता है. बाइक में बैटरी, मोटर कंट्रोलर और चार्जर की एक साल की गारंटी भी देते हैं. उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक बाइक बनाने का तरीका यूट्यूब और डिस्कवरी चैनल की मदद से सीखा है. फिलहाल पैसे की कमी के कारण उनका स्टार्टअप बड़ा नहीं हो पाया है, लेकिन धीरे-धीरे सब हो जाएगा. आरा में ई-बाइक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने का प्रयास कर रहे हैं. अगर सरकार और जिला प्रशासन से मदद मिल जाए तो उनका सपना पूरा हो सकता है.
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