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केंद्रीय बजट 2025-26 में लिथियम बैटरी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कर छूट की घोषणा की गई है, जिससे ईवी और इलेक्ट्रॉनिक्स सस्ते होंगे और आयात निर्भरता कम होगी।

सरकार ने लीथियन आयन बैटरी और अन्य कई चीजों से बेसिक कस्टम ड्यूटी हटा दी है.
हाइलाइट्स
- लिथियम बैटरी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कर छूट की घोषणा.
- ईवी और इलेक्ट्रॉनिक्स सस्ते होंगे, आयात निर्भरता कम होगी.
- 35 अन्य मटेरियल्स और मोबाइल बैटरी मैन्युफैक्चरिंग टैक्स फ्री.
नई दिल्ली. केंद्रीय बजट 2025-26 में लिथियम बैटरी और उससे जुड़े क्षेत्रों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कर छूट की घोषणा की गई है. सरकार का लक्ष्य लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाना, आयात पर निर्भरता कम करना और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) और इलेक्ट्रॉनिक्स को अधिक किफायती बनाना है.
सरकार ने कोबाल्ट, लिथियम-आयन बैटरी स्क्रैप, लेड, जिंक और 12 अन्य महत्वपूर्ण खनिजों जैसी आवश्यक चीजों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी (बीसीडी) हटा दिया है. ये मटेरियल्स बैटरी, सेमीकंडक्टर और रिन्यूएबल एनर्जी इक्विपमेंट के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं. इस वजह से अब ईवी, क्लीन एनर्जी और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे इन मटेरियल्स पर निर्भर इंडस्ट्रीज की इनपुट कॉस्ट कम हो जाएगी.
इंपोर्ट करना होगा सस्ता
इसके अलावा, ईवी बैटरी प्रोडक्शन में उपयोग की जाने वाली 35 अन्य मटेरियल्स और मोबाइल फोन बैटरी मैन्युफैक्चरिंग के लिए 28 चीजों को टैक्स फ्री कर दिया गया है. इससे अब कंपनियां एडिशनल टैक्स लगाए बिना बैटरी मैन्युफैक्चरिंग के लिए जरूरी मशीनों और इंस्ट्रुमेंट्स को इंपोर्ट कर सकेंगी. इसका उद्देश्य लोकल बैटरी प्रोडक्शन को बढ़ावा देना, आयात निर्भरता को कम करना और टाटा, ओला इलेक्ट्रिक और रिलायंस जैसी कंपनियों को भारत में अपने ऑपरेशंस को एक्सपेंड करने में मदद करना है.
सस्ती होंगी ईवी की बैटरी
इस पहल से ईवी बैटरियां सस्ती होने की उम्मीद है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहन अधिक किफायती हो जाएंगे. इससे प्रोडक्शन कॉस्ट भी कम होगी और लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा. इससे भारत की चीन पर निर्भरता भी कम होगी, क्लीन एनर्जी को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी.
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