
तलाक के एक मामले में, वॉट्सएप चैट्स को जासूसी ऐप के जरिए प्राप्त कर सबूत के रूप में पेश किया गया. अगर आपको शक है कि आपके फोन में भी कोई जासूसी ऐप इंस्टॉल है, तो यहां 5 आसान तरीके बताए जा रहे हैं जिससे आप इसका प…और पढ़ें

- तलाक मामले में वॉट्सएप चैट सबूत बनी.
- फोन में स्पाई ऐप का पता लगाने के 5 तरीके बताए गए.
- गोपनीयता का अधिकार पूर्ण नहीं, सीमाएं होती हैं.
नई दिल्ली. हाल ही में एक तलाक के मामले में, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया कि पत्नी की निजी Whatsapp चैट को फैमिली कोर्ट एक्ट, 1984 की धारा 14 के तहत सबूत के रूप में पेश किया जा सकता है, भले ही ये उसकी अनुमति के बिना प्राप्त की गई हो. इस मामले में, पति ने अपनी पत्नी के फोन पर एक खास ऐप (संभवतः एक जासूसी ऐप) इंस्टॉल करके उसकी निजी वॉट्सएप चैट तक पहुंच बनाई और पाया कि वह एक विवाहेतर संबंध में है. पति के वकीलों ने इसे अदालत में सबूत के रूप में पेश करने और क्रूरता और व्यभिचार के आधार पर तलाक की मांग करने का निर्णय लिया.
पत्नी के वकीलों ने इस कदम को चुनौती दी और अदालत में उसकी वॉट्सएप चैट पेश करने का विरोध किया, यह तर्क देते हुए कि पति की यह कार्रवाई भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 43, 66 और 72 के तहत उसकी गोपनीयता के अधिकार का उल्लंघन करती है. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इस तर्क को खारिज कर दिया और कहा कि भले ही गोपनीयता का अधिकार एक मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता प्राप्त है, लेकिन यह पूर्ण नहीं है और इसमें अपवाद और सीमाएं होती हैं.
1. बैटरी की खपत पर नजर रखें: अगर आपके फोन की बैटरी अचानक तेजी से खत्म हो रही है, तो यह संकेत हो सकता है कि कोई जासूसी ऐप बैकग्राउंड में चल रहा है.
3. अनजान ऐप्स की जांच करें: अपने फोन में इंस्टॉल किए गए ऐप्स की सूची देखें. अगर कोई ऐसा ऐप दिखे जिसे आपने इंस्टॉल नहीं किया है, तो उसे तुरंत हटाएं.
5. अजीब संदेश या नोटिफिकेशन: अगर आपको अजीब संदेश या नोटिफिकेशन मिल रहे हैं, तो यह भी एक संकेत हो सकता है कि आपके फोन में जासूसी ऐप इंस्टॉल है. इन तरीकों का इस्तेमाल कर आप अपने फोन में जासूसी ऐप का पता लगा सकते हैं और अपनी प्राइवेसी को सुरक्षित रख सकते हैं.
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